Haryana में संपत्ति और सोने जैसे परिसंपत्तियों पर इंडेक्सेशन का लाभ समाप्त कर दिया गया है और अब लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स को 20% से घटाकर 12.5% कर दिया गया है। इस बदलाव से सबसे अधिक प्रभाव रियल एस्टेट निवेशकों पर पड़ा है, जो संपत्तियों की खरीद-बिक्री में शामिल हैं। अब आयकर विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि प्रॉपर्टी की बिक्री पर LTCG टैक्स की गणना कैसे की जाएगी।
आयकर विभाग का क्या कहना है?
आयकर विभाग के अनुसार, अब स्थानीय संपत्तियों और 2001 से पहले खरीदी गई प्रॉपर्टी की खरीद लागत को मूल लागत माना जाएगा। ऐसे में, 1 अप्रैल 2001 तक की फेयर मार्केट वैल्यू ही भूमि या भवन की वास्तविक लागत होगी, और इसके बाद की लागत को कैपिटल गेन के दायरे में रखा जाएगा।
सरकार ने LTCG टैक्स की गणना में इंडेक्सेशन का लाभ हटा दिया है। इंडेक्सेशन का उद्देश्य किसी संपत्ति या सोने की बिक्री के समय मुद्रास्फीति के प्रभाव को खत्म करना होता है। नए नियम के अनुसार, अब कैपिटल गेन की गणना बिना मुद्रास्फीति को समायोजित किए की जाएगी।
LTCG टैक्स दरों में बदलाव
सरकार ने LTCG टैक्स को साधारण बनाने के लिए इंडेक्सेशन को हटा दिया है। पहले इसपर 20% की दर से टैक्स लगाया जाता था, लेकिन अब इसे फ्लैट 12.5% कर दिया गया है।
आयकर विभाग के अनुसार—
✔ 1 अप्रैल 2001 के बाद खरीदी गई संपत्तियों पर इंडेक्सेशन का लाभ नहीं मिलेगा।
✔ 2001 से पहले खरीदी गई संपत्तियों के लिए फेयर मार्केट वैल्यू को मुद्रास्फीति समायोजन (Inflation Adjustment) का आधार बनाया जा सकता है।
✔ 2001 से पहले बेची गई संपत्तियों पर इंडेक्सेशन गणना की जाएगी और 20% LTCG टैक्स लगेगा।
आयकर विभाग का उदाहरण
आयकर विभाग ने इसे एक उदाहरण से समझाने की कोशिश की है—
✔ मान लीजिए किसी व्यक्ति ने 1990 में 5 लाख रुपये में एक प्रॉपर्टी खरीदी।
✔ 1 अप्रैल 2001 को इस संपत्ति की स्टांप ड्यूटी के अनुसार कीमत 10 लाख रुपये हो गई और फेयर मार्केट वैल्यू 12 लाख रुपये हो गई।
✔ अगर इसे 23 जुलाई 2024 के बाद 1 करोड़ रुपये में बेचा जाता है, तो इसकी कीमत स्टांप ड्यूटी या फेयर मार्केट वैल्यू (जो भी कम हो) 1 अप्रैल 2001 की कीमत मानी जाएगी।
अब 2024-25 के वित्तीय वर्ष में टैक्स की गणना इस प्रकार होगी:
✔ इंडेक्सेशन वैल्यू 36.3 लाख रुपये होगी, जहां 363 वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए लागत मुद्रास्फीति सूचकांक (CII) है।
✔ LTCG टैक्स (1 करोड़ – 36.3 लाख) = 63.7 लाख रुपये
✔ इस पर 20% टैक्स दर लागू करने पर – 12.74 लाख रुपये का LTCG टैक्स बनता है।
नए सिस्टम में LTCG टैक्स की गणना
✔ नए नियमों के तहत इंडेक्सेशन हटा दिया गया है, जिससे LTCG टैक्सेबल वैल्यू सीधे 90 लाख रुपये हो जाएगी।
✔ इसपर 12.5% की दर से LTCG टैक्स लगेगा, जो 11.25 लाख रुपये होगा।
नए बदलावों का असर
✔ रियल एस्टेट निवेशकों पर सीधा असर: इंडेक्सेशन हटने से लाभ पर अधिक टैक्स लगेगा।
✔ मुद्रास्फीति का लाभ नहीं मिलेगा: पहले संपत्ति के दाम बढ़ने पर मुद्रास्फीति समायोजन से राहत मिलती थी, जो अब नहीं होगी।
✔ सरल कर प्रणाली: सरकार के अनुसार, यह कदम कर प्रणाली को सरल बनाने और टैक्स अनुपालन को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है।
क्या करें निवेशक?
विशेषज्ञों का मानना है कि नई LTCG टैक्स दरें छोटी अवधि में प्रॉपर्टी निवेशकों को प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि, लंबी अवधि में यह व्यवस्था टैक्स प्रशासन को सरल बनाएगी और अधिक पारदर्शिता लाएगी।
सरकार का यह फैसला रियल एस्टेट सेक्टर और गोल्ड इन्वेस्टमेंट पर असर डाल सकता है, इसलिए निवेशकों को अपनी रणनीति पर दोबारा विचार करना चाहिए।

















