हरियाणा: हरियाणा सरकार का प्रयास है कि स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग में भी एक समान सेवा नियम हों। फिलहाल प्रदेश के स्वास्थ्य विश्वविद्यालय रोहतक और अन्य मेडिकल कॉलेजों के अलग-अलग नियम हैं।
Toll Tax New Rule: टोल टैक्स नियमो में किया बदलाव, अब इनको नहीं देना पड़ेगा टोल टैक्सयहां पर भर्तियों पर कॉलेज ही अपने स्तर पर करते रहे हैं। करीब छह माह पहले सरकार ने भर्तियों को अपने हाथ में लिया है और मुख्यालय ही सभी मेडिकल कॉलेजों के लिए भर्तियां निकाल रहा है।
एमबीबीएस बॉन्ड पॉलिसी के बाद हरियाणा सरकार ने अब सभी मेडिकल कॉलेजों में कामन कैडर लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। पूरा ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है। संभावना है कि इसे विधानसभा के शीतकालीन सत्र में लाया जाए।
यहां से प्रस्ताव पास होने के बाद इसे नए शिक्षा सत्र से सभी मेडिकल कॉलेजों और मेडिकल यूनिवर्सिटी में लागू किया जा सकेगा। कामन कैडर लागू होने के बाद किसी भी मेडिकल कॉलेज के नियमित कर्मचारी को दूसरे मेडिकल कॉलेजों में भेजे जा सकेंगे।
फिलहाल दिक्कत ये है कि एक मेडिकल कॉलेज में तैनात टीचर्स, डॉक्टर और अन्य स्टाफ को दूसरे में तबादला नहीं किया जा सकता। इससे सरकार को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए सरकार सभी मेडिकल कॉलेजों के लिए एक जैसे नियम और सेवा शर्तें बनाने जा रही है।
Haryana News: सीएम खट्टर ने लगाया घोषणाओ का अंभार,जानिए क्या क्या दी सौगातें
पूरा ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और सभी मेडिकल कॉलेजों के निदेशक भी इस पर सहमति जता चुके हैं। संभावना है कि अगले सत्र से इसे मेडिकल कॉलेजों में लागू कर दिया जाएगा।
किया जा रहा है विरोध
एक साल पहले भी हरियाणा सरकार ने कामन कैडर को लागू करने की कोशिश की थी लेकिन पीजीआई की टीचर्स एसोसिएशन और अन्य कर्मचारियों के विरोध के चलते इसे लंबित छोड़ दिया था। दरअसल, नियमित डॉक्टर और कर्मचारी इस पॉलिसी का विरोध इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि उनका तर्क है कि जब उनकी नियुक्ति हुई थी तो उन्हें संबंधित मेडिकल कॉलेज ही स्टेशन बताया गया था।
अब कई कई साल से सेवा देने के चलते उन्हीं शहरों में कर्मचारियों और डॉक्टरों ने अपने मकान आदि बना लिए हैं। दूसरा तर्क ये है कि अगर सभी का एक समान कैडर बना तो इससे काफी संख्या में कर्मचारियों की सीनियरिटी प्रभावित होगी। दोबारा से कामन कैडर लागू होता है तो इसका विरोध तय है।
इसलिए पड़ी कामन कैडर की जरूरत
हरियाणा सरकार की मंशा है कि प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित किया जाए। नौ जिलों में मेडिकल कॉलेज बनाए जा रहे हैं। अगले सत्र से जींद, भिवानी और नारनौल में मेडिकल कॉलेज शुरू करने हैं। यहां पर नए स्टाफ की नियुक्ति की प्रक्रिया लंबी है।
इसलिए सरकार चाहती है कि पहले से ही मेडिकल कॉलेज और पीजीआई में तैनात स्टाफ डॉक्टरों व कर्मचारियों को इन कॉलेजों में तबादला करके भेजा जाए। फिलहाल अलग-अलग मेडिकल कॉलेज के अलग-अलग सेवा नियम हैं, इसमें मुख्यालय को परेशानी झेलनी पड़ती है। सरकार चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान में एक समान सेवा नियम बनाए जाएंगे।