Haryana में 23 हजार BPL परिवारों का राशन बंद, यहां जानिए वजह

Haryana में 23 हजार बीपीएल (Below Poverty Line) परिवारों को अब सरकारी मुफ्त राशन नहीं मिलेगा। दरअसल, ये परिवार अब अचानक अमीर हो गए हैं, जिसके कारण उन्हें गरीबी रेखा से बाहर कर दिया गया है। इस जानकारी को नागरिक संसाधन सूचना विभाग (CRID) ने साझा किया है।
हरियाणा सरकार के अनुसार, बीपीएल परिवारों की वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये तक होती है। ये परिवार अब इस सीमा से ऊपर आ गए हैं, जिसके कारण उन्हें केंद्रीय सरकार की तरफ से दिए जाने वाले मुफ्त राशन से वंचित किया गया है। CRID के आंकड़ों के अनुसार, इन 23 हजार परिवारों की आय अब इतनी हो गई है कि वे अब बीपीएल परिवारों की श्रेणी से बाहर हो गए हैं।
क्या है बीपीएल परिवारों की स्थिति?
हरियाणा सरकार की नीति के अनुसार, बीपीएल परिवार वे होते हैं जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम होती है। पहले यह 23 हजार परिवार इस श्रेणी में आते थे, लेकिन अब इनकी आय 1.80 लाख रुपये से अधिक हो गई है। इसके चलते इन्हें अब सरकार द्वारा दिए जाने वाले मुफ्त राशन का लाभ नहीं मिलेगा।
हालांकि, इस बदलाव के बावजूद राज्य में अभी भी 51.78 लाख लोग बीपीएल श्रेणी में आते हैं और केंद्रीय योजना के तहत मुफ्त राशन प्राप्त कर रहे हैं। CRID के आंकड़ों के मुताबिक, कर्नल, कुरुक्षेत्र और पानीपत जिलों में सबसे अधिक बीपीएल परिवार शामिल हुए हैं। कर्नल में 573 नए परिवार, कुरुक्षेत्र में 1251 परिवार और पानीपत में 808 परिवार बीपीएल श्रेणी में शामिल हुए हैं। इस महीने कुल 2632 परिवार गरीबी रेखा से नीचे आ गए हैं।
क्या लाभ मिलते हैं बीपीएल परिवारों को?
हरियाणा में बीपीएल कार्ड धारकों को कई प्रकार की सरकारी सुविधाएं दी जाती हैं। इनमें प्रमुख हैं:
- मुफ्त अनाज: बीपीएल कार्डधारकों को प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज (गेहूं/बाजरा) मुफ्त में दिया जाता है।
- सरसों का तेल और चीनी: प्रत्येक परिवार को 2 लीटर सरसों का तेल 40 रुपये प्रति लीटर की दर से और 1 किलो चीनी 13.5 रुपये प्रति किलो की दर से दी जाती है।
- राहत आवास: हर ग्रामीण परिवार को 100 गज का एक भूखंड दिया जाएगा।
- एलपीजी सिलेंडर: उज्जवला योजना के तहत एलपीजी सिलेंडर 500 रुपये में उपलब्ध है।
- स्वास्थ्य सुविधाएं: चिरायु-आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज प्रदान किया जाता है।
कौन से जिले हैं प्रभावित?
हरियाणा में बीपीएल परिवारों की संख्या में बदलाव देखने को मिल रहा है। कर्नल, कुरुक्षेत्र और पानीपत जैसे जिलों में अधिक संख्या में नए बीपीएल परिवार शामिल हुए हैं। इन जिलों में पिछले कुछ महीनों में एक बड़ा बदलाव आया है, जहां पहले से अधिक परिवार बीपीएल श्रेणी में शामिल हुए हैं। आंकड़ों के अनुसार, कर्नल जिले में 573 परिवार नए बीपीएल में शामिल हुए हैं, जबकि कुरुक्षेत्र में 1251 और पानीपत में 808 परिवार इस श्रेणी में आए हैं।
इससे यह साफ होता है कि हरियाणा में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों की संख्या में वृद्धि हो रही है, जो राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं।
मुफ्त राशन योजना का प्रभाव
केंद्र सरकार की मुफ्त राशन योजना को लेकर राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि अधिक से अधिक परिवार इसका लाभ उठा सकें। इस योजना के तहत बीपीएल परिवारों को अनाज, तेल, चीनी और अन्य जरूरी चीजें सस्ती दरों पर दी जाती हैं। इसके अलावा, स्वास्थ्य और आवास जैसी सुविधाएं भी बीपीएल परिवारों को दी जाती हैं, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार हो सके।
अब, जब 23 हजार परिवारों की आय बढ़ गई है, तो ये परिवार इस योजना से बाहर हो गए हैं। हालांकि, सरकार ने यह भी कहा है कि ये परिवार अब अपनी नई आर्थिक स्थिति में राहत और समृद्धि की ओर बढ़ रहे हैं, इसलिए उन्हें अब मुफ्त राशन नहीं दिया जाएगा।
क्या होगा इन परिवारों का भविष्य?
इन परिवारों के लिए यह एक मिश्रित स्थिति है। एक तरफ, अब वे गरीबी रेखा से बाहर हो गए हैं और आर्थिक रूप से मजबूत हुए हैं, दूसरी तरफ, उन्हें मुफ्त राशन जैसी सरकारी सुविधाओं से वंचित कर दिया गया है। लेकिन अब ये परिवार अपनी नई स्थिति में सशक्त महसूस करेंगे और उन्हें अपनी आय बढ़ाने के लिए और अधिक मौके मिलेंगे।
हालांकि, सरकार का यह कदम यह भी दर्शाता है कि योजनाओं के तहत दी जाने वाली मदद सिर्फ जरूरतमंदों तक ही सीमित रहनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि गरीब परिवारों को फायदा पहुंचे।
हरियाणा में बीपीएल परिवारों की संख्या में बदलाव आ रहा है, और 23 हजार परिवार अब इस श्रेणी से बाहर हो चुके हैं। इसके बावजूद, राज्य में 51.78 लाख लोग अभी भी मुफ्त राशन योजना का लाभ उठा रहे हैं। बीपीएल कार्डधारकों को दी जाने वाली सुविधाएं राज्य सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं का हिस्सा हैं, जो गरीबों की मदद करने के लिए बनाई गई हैं। अब यह देखना होगा कि इन 23 हजार परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार के बाद उन्हें अन्य प्रकार की सहायता कैसे दी जाती है, ताकि उनका जीवन स्तर और अधिक बेहतर हो सके।