Haryana news: आखिर कब मिलेगा सैनिक स्कूल रेवाडी को अपना भवन.. जानिए पूरी डिटेल्स
हरियाणा: लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार सैनिक स्कूल रेवाडी से गांव गोठड़ा में अपने खुद के भवन में जाएगा। स्कूल को शिफ्ट करने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए सैनिक एवं अर्धसैनिक कल्याण कार्यालय रेवाड़ी की ओर से टेंडर छोड़ा जा रहा है।
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सरकार के निर्देश पर प्रशासन करीब 2 साल से इस भवन को शिफ्ट करने की दिशा में मशक्कत कर रहा था, मगर बात नहीं बन पाई। बता दें कि सैनिक स्कूल रेवाड़ी वर्ष 2008-09 में शुरू हुआ। तब से यह सेक्टर-4 स्थित गर्ल्स स्कूल के भवन में चलता आ रहा है।
इसका हॉस्टल यूथ हॉस्टल की बिल्डिंग में चल रहा है। अब सैनिक स्कूल के शिफ्ट हो जाने से दोनों ही भवन खाली हो जाएंगे, जिन्हें प्रशासन जरूरत के अनुसार उपयोग में ले सकेगा। रेवाड़ी राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में चल रहे सरकारी कॉलेज की कक्षाएं यहां लगाने की मांग उठती रही है।
ये है प्रकिया:26 दिसंबर को टेंडर पब्लिश हुए, 9 जनवरी अंतिम तिथि है तथा 12 जनवरी को टेंडर ओपन होंगे। शिफ्टिंग पर करीब 1 करोड़ 6 लाख रुपए तक खर्च आएगा। वर्क ऑर्डर के बाद 20 दिन में 3 चरणों में शिफ्टिंग का काम किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार इस पूरी प्रक्रिया में करीब दो माह का समय लग जाएगा। इस हिसाब से स्कूल का नया सत्र नए कैंपस में चलेगा।
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स्टाफ का अभाव:
सैनिक स्कूल की ओर से अधिकारी बैठकों में कह चुके हैं कि अभी नया भवन पूरी तरह तैयार ही नहीं है। वहां विद्यार्थियों और स्टाफ को मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझना पड़ सकता है। स्कूल में 70 से अधिक का स्टाफ है, यानी इनके लिए आवास की भी उसकी अनुरूप होने चाहिए।
दो सत्र से छात्राएं भी सैनिक स्कूल में दाखिला ले रही हैं। इस समय करीब 16 छात्राएं हैं। इनके लिए हॉस्टल ही तैयार नहीं है। इसके अलावा भी अन्य बाधाएं गिनवाई जाती रही हैं।
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यू उठी मांग : सैनिक एवं अर्धसैनिक कल्याण मंत्री ओम प्रकाश यादव ने इस साल की शुरूआत में निरीक्षण कर कहा था कि जब तक इस भवन में सैनिक स्कूल काम नहीं करेगा, तब तक अन्य कार्यों में देरी होती रहेगी।
आखिर कब मिलेगा भवन में बॉयज हॉस्टल, मैस, स्टाफ रूम, वार्ड बिल्डिंग बनकर तैयार हैं। इसलिए इसी सत्र में कक्षाएं यहां लगाई जाएं। मगर ऐसा नहीं हुआ। पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास खुद सीएम से मिले थे तथा उनको मांग पत्र सौंपा था। विधायक चिरंजीव राव व अन्य संगठन भी मुद्दा उठाते रहे हैं