रेवाडी में भगवान परशुराम शिक्षा समिति के चुनाव होने से रविवार को
रेवाड़ी: दिनभर मतदान को लेकर चर्चा चली हुई थी कि(Parshuram Education Committee election) भगवान परशुराम शिक्षा समिति के चुनाव (Election) 27 फरवरी है। रविवार जब मतदाता (voting) वोट डालने के लिए पहुंचे और पता चला कि चुनाव कैंसिल हो गए हैं। माजरा भगवान परशुराम शिक्षा समिति के चुनाव का है, जिसको लेकर बवाल खड़ा हो गया है। ब्रह्मगढ़ परिसर में समिति ने चुनाव कैंसिल किए जाने पर रोष प्रकट किया।
सदस्यों ने रिटर्निंग अधिकारी का पुतला जलाया तथा बिना सूचना के ही चुनाव कैंसिल करने जमकर नारेबाजी की।
Rewari Crime : नशा तस्कर व चाकू के साथ दो आरोपी काबूजबकि वहीं रिटर्निंग अधिकारी का कहना है कि समिति के पूर्व प्रधान व रजिस्ट्रार ने उन्हें मतदाता सूची ही मुहैया नहीं कराई है। इस बाबत 24 फरवरी को ही नोटिस बोर्ड पर सूचना चस्पा कर दी गई थी।
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क्या है विवाद : भगवान परशुराम शिक्षा समिति (Parshuram Education Committee election_के चुनाव 27 फरवरी को होने निर्धारित किए गए थे। जिला रजिस्ट्रार फर्म और सोसायटी की ओर से पहले पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी धर्मबीर बल्डोदिया को चुनाव कराने के लिए रिटर्निंग अधिकारी नियुक्त किया गया था, लेकिन 14 फरवरी को धर्मबीर बल्डोदिया को हटाकर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से सेवानिवृत्त डिप्टी डायरेक्टर एसके जोशी को रिटर्निंग अधिकारी बना दिया गया।
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रिटर्निंग अधिकारी बदले जाने पर समिति सदस्यों ने उपायुक्त यशेंद्र सिंह व एसडीएम सिद्धार्थ दहिया को शिकायत भी सौंपी थी। रविवार को ब्रह्मगढ़ परिसर में विरोध कर रहे समिति सदस्यों का कहना था कि चुनाव को टालने की पूरी पटकथा रिटर्निंग अधिकारी द्वारा पहले ही लिखी जा चुकी थी। उनका आरोप है कि पूर्व रिटर्निंग अधिकारी धर्मबीर बल्डोदिया आधी से ज्यादा चुनाव प्रक्रिया को संपन्न करा चुके थे, लेकिन राजनीतिक हस्तक्षेप से आरओ को बदला गया।
इस मामले में उन्होंने एसडीएम को जो शिकायत सौंपी थी, उसकी भी जांच हो चुकी है। एसडीएम ने भी अपनी जांच रिपोर्ट में आरओ को बदलना असंवैधानिक माना है तथा उपायुक्त ने इस मामले में रजिस्ट्रार फर्म एवं सोसायटी के खिलाफ कार्यवाही के लिए उच्चाधिकारियों को लिखा है।
27 फरवरी को चुनाव होने निश्चित थे लेकिन न तो चुनाव कैंसिल होने की कोई जानकारी समाचार पत्रों के माध्यम से दी गई और न ही रिटर्निंग अधिकारी चुनाव केंद्र में पहुंचे। यह तो सीधे तौर पर समाज के लोगों के साथ मजाक है। इस अवसर पर पूर्व प्रधान बलबीर शर्मा, निरंजनलाल शर्मा, मोहन तिवारी, रामप्रकाश गौतम, रामानंद शर्मा, गणेश दत्त कौशिक, अजय गौड़, सुधीर कुमार त्यागी सहित अन्य समिति सदस्य मौजूद रहे।
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मतदाता सूची ही नहीं कैसे हो चुनाव: सतीश जोशी
रिटर्निंग अधिकारी एसके जोशी का कहना है कि चार्ज संभालने के बाद उन्हें न तो रजिस्ट्रार ने और न ही समिति के पूर्व प्रधान ने मतदाता सूची मुहैया कराई। उन्होंने इस बाबत 24 फरवरी को ही एक नोटिस ब्रह्मगढ़ परिसर में चस्पा कर दिया था। नोटिस में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि उनको मतदाता सूची मुहैया नहीं कराई गई है तथा वह पूर्व प्रधान बलबीर सिंह से भी फोन पर कई बार संपर्क साध चुके हैं। बिना मतदाता सूची के चुनाव कराना भला किस प्रकार संभव है।