IMD Alert: हरियाणा में मानसून का आगमन हर वर्ष जून के अंत या जुलाई की शुरुआत में होता है। इस वर्ष भी, भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अनुमान लगाया है कि मानसून सामान्य समय पर पहुंचेगा। आमतौर पर, मानसून की पहली बारिश हरियाणा के दक्षिणी और पश्चिमी हिस्सों में देखी जाती है, जो धीरे-धीरे पूरे राज्य में फैल जाती है।
इस वर्ष मानसून के आगमन के समय में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं देखा गया है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार मानसून की शुरुआत के साथ ही तापमान में गिरावट और हवा की नमी में वृद्धि होगी। यह किसानों के लिए राहत की बात है, क्योंकि खेती के लिए मानसून की बारिश अत्यंत महत्वपूर्ण होती है।
पिछले वर्षों की तुलना में, इस वर्ष के मानसून की कुछ विशेषताएं उल्लेखनीय हैं। इस बार मानसून की बारिश का वितरण अधिक समान रहने की संभावना है, जिससे जलस्तर में सुधार होगा और सूखे की स्थिति में कमी आएगी। इसके अतिरिक्त, राज्य के विभिन्न हिस्सों में बारिश की तीव्रता और अवधि में भी बदलाव देखने को मिल सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार, हरियाणा में मानसून के आगमन के साथ ही गरज-चमक के साथ मध्यम से भारी बारिश की संभावना है। इसके परिणामस्वरूप, कृषि कार्यों में तेजी आएगी और किसानों को खेती के लिए पर्याप्त जल की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इसके अलावा, मानसून की बारिश से जलाशयों और नदियों का जलस्तर बढ़ेगा, जिससे पानी की समस्या का समाधान हो सकेगा।
हरियाणा के लिए मानसून का आगमन एक महत्वपूर्ण घटना है, जो न केवल कृषि बल्कि राज्य की जल आपूर्ति और पर्यावरण को भी प्रभावित करता है। इस वर्ष के मानसून से संबंधित सभी जानकारी और संभावित प्रभावों को ध्यान में रखते हुए, यह उम्मीद की जा सकती है कि राज्य में मानसून का स्वागत पूरी तैयारी के साथ किया जाएगा।
विभिन्न जिलों में हुई बारिश का विवरण
हाल ही में हरियाणा के 8 जिलों में भारी बारिश दर्ज की गई है। इन जिलों में हुई बारिश ने न केवल मौसम का रुख बदला है, बल्कि स्थानीय जीवन पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। अम्बाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, सोनीपत, रोहतक, झज्जर, और गुरुग्राम में बारिश की मात्रा भिन्न-भिन्न रही है, जिससे विभिन्न प्रकार के स्थानीय मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है।
अम्बाला में पिछले 24 घंटों में 75 मिमी बारिश हुई है, जिससे कुछ क्षेत्रों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि बारिश के कारण सड़कों पर पानी भर गया है, जिससे यातायात में बाधा आ रही है। वहीं, कुरुक्षेत्र में 60 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो कि किसानों के लिए लाभदायक साबित हो रही है।
करनाल और पानीपत में हुई बारिश की मात्रा क्रमश: 55 मिमी और 50 मिमी रही है। करनाल में बारिश से खेतों में नमी बढ़ी है, जो कि रबी फसलों के लिए अनुकूल है। पानीपत में भी किसानों ने बारिश का स्वागत किया है, लेकिन कुछ निचले इलाकों में जलभराव की समस्याएं उत्पन्न हुई हैं। सोनीपत और रोहतक में 45 एवं 40 मिमी बारिश हुई है, जिससे स्थानीय जलाशयों में पानी की मात्रा बढ़ी है और पीने के पानी की समस्या में कुछ हद तक राहत मिली है।
झज्जर और गुरुग्राम में हुई बारिश की मात्रा क्रमश: 35 मिमी और 30 मिमी रही है। इन जिलों में बारिश से तापमान में गिरावट आई है और लोगों को गर्मी से राहत मिली है। हालांकि, गुरुग्राम में कुछ क्षेत्रों में जलभराव की समस्याएं सामने आई हैं, जिससे यातायात में दिक्कतें आई हैं।
इन जिलों में हुई बारिश ने जहां एक ओर किसानों को राहत दी है, वहीं दूसरी ओर कुछ शहरी क्षेत्रों में जलभराव और यातायात संबंधी समस्याएं उत्पन्न की हैं। स्थानीय प्रशासन इन समस्याओं के समाधान के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है।
आगामी दिनों में मौसम की भविष्यवाणी
आगामी दिनों में हरियाणा के विभिन्न जिलों में मौसम के मिजाज में कुछ महत्वपूर्ण परिवर्तन होने की संभावना है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, हरियाणा के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। विशेषकर, रोहतक, सोनीपत, और पानीपत जिलों में आगामी सप्ताह के दौरान बारिश हो सकती है। इन जिलों में आंशिक बादल छाए रहने और गरज-चमक के साथ छींटे पड़ने की संभावना भी है।
मौसम विज्ञान विभाग ने यह भी संकेत दिया है कि हिसार और फतेहाबाद जिलों में भी अगले कुछ दिनों में बारिश हो सकती है। इन जिलों में तापमान में मामूली गिरावट आ सकती है और हवाओं की गति में वृद्धि हो सकती है। मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इन क्षेत्रों में बारिश की संभावना के चलते किसानों को अपनी फसल की सुरक्षा के प्रबंध करने चाहिए।
इसके अतिरिक्त, गुरुग्राम, फरीदाबाद और पंचकूला में भी बारिश की संभावनाएं बनी हुई हैं। इन जिलों में हल्की बारिश के साथ-साथ तापमान में भी गिरावट देखी जा सकती है। यहां के निवासियों को सलाह दी जाती है कि वे अपने दैनिक कार्यों में आवश्यक सावधानियां बरतें, विशेषकर यातायात के दौरान।
उल्लेखनीय है कि करनाल और कैथल जिलों में अभी तक बारिश नहीं हुई है, लेकिन आने वाले दिनों में यहां भी मौसम में बदलाव की संभावना जताई जा रही है। इन जिलों में बादल छाए रहने और हल्की बारिश होने की उम्मीद है।
इन मौसम पूर्वानुमानों के अनुसार, हरियाणा के विभिन्न जिलों में बारिश की तिथियाँ और मौसम की स्थिति में परिवर्तन होने की संभावना है। नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे मौसम विज्ञान विभाग द्वारा जारी किए गए अपडेट्स पर ध्यान दें और आवश्यक तैयारियां करें।