Earthquake: मंगलवर को नेपाल में आए भूंकप से भारत मे अफरा तफरी मच गई है। नेपाल व तिब्बत के चलते भारत के कई राज्यों में मंगलवार को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। आइए इस लेख बताते है भूंकप क्यों आता है तथा इसको कैसे मापा जाता।
पृथ्वी की चार प्रमुख परतें हैं
- इनर कोर
- आउटर कोर
- मेंटल
- क्रस्ट कोर
Earthquake पृथ्वी के नीचे मौजूद प्लेट्स घूमती रहती हैं, जिसके आपस में टकराने पर पृथ्वी की सतह के नीचे कंपन शुरू होता है। जब ये प्लेट्स अपनी जगह से खिसकती हैं तो भूकंप के झटके महसूस किए जाते हैं।
Earthquake कब लाता है तबाही
रिक्टर स्केल |
Earthquake असर |
0 से 1.9 | सीस्मोग्राफ से ही भूकंप के बारे में जानकारी मिलती है। |
2 से 2.9 | हल्का कंपन महसूस होता है। |
3 से 3.9 | जब कोई ट्रक नजदीक से गुजरता है तो ऐसा ही असर होता है। |
4 से 4.9 | घरों की खिड़कियां टूट सकती हैं और दीवरों पर टंगी फ्रेम गिर सकती है। |
5 से 5.9 | फर्नीचर हिल सकता है। |
6 से 6.9 | इमारतों की नींव दरक सकती है और ऊपरी मंजिलों को नुकसान हो सकता है। |
7 से 7.9 | इमारतें गिर जाती हैं और जमीन के अंदर मौजूद पाइप फट जाते हैं। |
जानिए कैसे मापी जाती है Earthquake की तीव्रता?
बता दे कि रिक्टर स्केल के जरिए भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इसके बाद ही यह पता लग पाता है कि भूकंप की तीव्रता कितनी थी और इसका केंद्र किस क्षेत्र में था तथा किन कारणो से ये भूंकप आया है।
Earthquake बता दें कि भूकंप की तीव्रता नामने के लिए वेज्ञानिक रिक्टर स्केल का इस्तेमाल करते है। रिक्टर स्केल द्वारा 1 से 9 तक आए भूकंप के झटकों को मापा जाता है। हर स्केल का अलग झटका होता है।
बता दे कि Earthquake के दौरान पृथ्वी के नीचे से ऊर्जा तरंगे निकलती हैं। इस तरंगे से ही रिक्टर स्केल के जरिए मापा जाता है।