Weather Update: इस साल उत्तर भारत में सर्दी देर से दस्तक देगी। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, नवंबर महीने में देश के अधिकांश हिस्सों में तापमान सामान्य या थोड़ा कम रहेगा, लेकिन सर्दी की शुरुआत पिछले साल की तुलना में देर से होगी। इस महीने देश के कई हिस्सों में बारिश का स्वरूप भी थोड़ा असामान्य रहेगा। जहां दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में अच्छी बारिश की संभावना है, वहीं उत्तर-पश्चिम भारत के इलाकों में मौसम शुष्क बना रह सकता है।
मौसम विभाग के अनुसार, नवंबर में देशभर में औसतन 29.7 मिमी वर्षा होती है। इस बार बारिश सामान्य के 77 से 123 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है। दक्षिण भारत के तमिलनाडु, पुडुचेरी, कराईकल, आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्र, केरल और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में उत्तर-पूर्व मानसून की वजह से अच्छी वर्षा देखने को मिलेगी। वहीं, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और दिल्ली जैसे उत्तर-पश्चिमी राज्यों में बारिश सामान्य से कम हो सकती है। मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 4 और 5 नवंबर को गरज-चमक के साथ वर्षा की संभावना जताई है। इन दिनों हल्की बर्फबारी के भी आसार हैं, जिससे पहाड़ी इलाकों में ठंड की शुरुआत जल्दी हो सकती है।
दिन में हल्की ठंड, रातें रहेंगी सामान्य से गर्म
आईएमडी के अनुसार, इस बार देश के अधिकांश हिस्सों में दिन का तापमान सामान्य या थोड़ा नीचे रहेगा, जबकि रात का तापमान सामान्य से ऊपर रहेगा। यानी दिन में हल्की ठंडक महसूस होगी, लेकिन रातें ज्यादा ठंडी नहीं होंगी। उत्तर भारत में वास्तविक सर्दी नवंबर के आखिर या दिसंबर की शुरुआत में महसूस की जाएगी। इस बीच, पंजाब और हरियाणा में हल्की धुंध देखी जा रही है। मंगलवार से कुछ इलाकों में हल्की बारिश का अलर्ट जारी किया गया है, जिससे तापमान में 2–3 डिग्री की गिरावट आ सकती है। लुधियाना, अमृतसर और पटियाला में सुबह धुंध और दृश्यता में कमी दर्ज की गई। लुधियाना में दृश्यता 500 मीटर, अमृतसर में 700 मीटर और पटियाला में 1500 मीटर रही। पंजाब के मानसा में अधिकतम तापमान 32.7°C और बठिंडा में न्यूनतम 12.8°C दर्ज किया गया।
आईएमडी ने बताया कि ला नीना की स्थिति दिसंबर 2025 तक बनी रह सकती है, जिसके चलते दक्षिण भारत में बारिश और उत्तर भारत में सर्दी की देरी देखने को मिलेगी। इसके अलावा, भारतीय महासागर द्विध्रुव (IOD) की नकारात्मक स्थिति भी बनी हुई है, जो आने वाले महीनों में कमजोर होगी। ये दोनों समुद्री घटनाएं भारत के मौसम को गहराई से प्रभावित करती हैं, जिसके कारण इस साल सर्दियों का पैटर्न थोड़ा अलग रहेगा। मौसम विभाग ने अनुमान लगाया है कि नवंबर से दिसंबर तक मौसम में अस्थिरता बनी रहेगी। जहां दक्षिण भारत में उत्तर-पूर्वी मानसून सक्रिय रहेगा, वहीं उत्तर भारत में धीरे-धीरे तापमान में गिरावट आएगी। इस दौरान सुबह और शाम की ठंड बढ़ेगी, लेकिन दोपहर की धूप लोगों को कुछ राहत देगी।

















