हरियाणा: नारनौल जेल रिश्वतकांड में रेवाड़ी और नारनौल जेल के सुपरिंटेंडेंट अनिल कुमार जांगड़ा व डिप्टी सुपरिंटेंडेंट कुलदीप हुड्डा की गिरफ्तारी को लेकर विजिलेंस ने जगह जगह दबीश दी जा रही है। विजिलेंस की ताबड़तोड़ छापेमारी से घबराए जेलर और डिप्टी जेलर दोनों ही भूमिगत हो गए हैं।
बता दें कि 1 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गुरुग्राम विजिलेंस ने 9 दिसंबर को नारनौल जेल के वार्डन राजन को जेल परिसर में ही रंगे हाथों पकड़ा था। राजन ने अपने साथी वार्डन गजेसिंह का नाम उगला था। गजेसिंह और राजन दोनों को गिरफ्तार करके सख्ती से पूछताछ की गई तो रिश्वतकांड का पूरा राज खुल गया। दोनों ने विजिलेंस पूछताछ में बताया था कि रिश्वत की यह रकम जेल सुपरिंटेंडेंट अनिल कुमार जांगड़ा और डिप्टी सुपरिंटेंडेंट कुलदीप हुड्डा तक पहुंचनी थी। विजिलेंस ने उसी वक्त डिप्टी सुपरिंटेंडेंट कुलदीप हुड्डा को 7-PC एक्ट के तहत एफआईआर में नामजद किया। उसके बाद जांच जैसे ही आगे बढ़ी तो जेल सुपरिंटेंडेंट अनिल कुमार की भूमिका भी सामने आई।
सूचना हुई लीक, आरोपी फरार
डिप्टी सुपरिंटेंडेंट कुलदीप हुड्डा 9 दिसंबर से ही फरार है। उनके घर से लेकर अन्य संभावित ठिकानों पर पिछले एक सप्ताह में विजिलेंस ने कई बार रेड की, लेकिन उनका पता नहीं चल पाया। लगातार होती दबिश को देखकर कुलदीप हुड्डा ने अपने वकीलों के जरिए नारनौल कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका लगाई थी, जिस पर बुधवार को नारनौल के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. अशोक कुमार की कोर्ट ने सुनवाई की और इसे खारिज कर दिया है। अब उनके पास हाईकोर्ट जाने का विकल्प बचा है। वहीं दूसरी तरफ जेल सुपरिंटेंडेंट अनिल कुमार जांगड़ा पर भी शिकंजा कसना शुरू हो गया। बुधवार को रेवाड़ी जेल स्थित सुपरिंटेंडेंट अनिल कुमार की कोठी पर अलसुबह 4 बजे रेड की गई थी। लेकिन 5 घंटों तक परिवार ने दरवाजा नहीं खोला। सर्च वारंट मिलने के बाद विजिलेंस जब घर में दाखिल हुई तो वहां कुछ नहीं मिला। सूत्रों के अनुसार, सुपरिंटेंडेंट को रेड की पहले ही भनक लग गई थी और वह रात 12 बजे ही घर से निकल गए।
दोनों जेल में हो रही वसूली:
जेल में पैसे लेकर अपराधियों को तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराने और उनकी मेहमाननवाजी के किस्से तो कई बार सामने आ चुके हैं, मगर जेल के अंदर कैदियों को परेशान करके जबरन वसूली का यह अपनी तरह का पहला केस है। रिश्वत के एक लाख रुपए किसी और से नहीं, बल्कि राजस्थान व हरियाणा के नामी गैंगस्टर विक्रम उर्फ पपला गुर्जर के खास गुर्गे संदीप उर्फ सिंधिया के भाई हंसराज से ली गई थी। संदीप को पहले जेलर और डिप्टी जेलर के इशारों पर परेशान किया गया और फिर वार्डन गजे सिंह के फोन से संदीप ने अपने भाई हंसराज से बात कर 1 लाख रुपए देने की बात की। इसी राशि के लालच में जेल में रिश्वतकांड का बड़ा खुलासा हो गया। खास बात यह है कि नारनौल के साथ-साथ रेवाड़ी में भी इसी तरह अपराधियों को जेल में प्रताड़ित किया जाता है। जेलर अनिल कुमार जांगड़ा का तो नौकरी का सफर ही कुछ इसी तरह का रहा है। विवादों में रहने वाले जेलर अनिल कुमार जांगड़ा प्रदेश की जिस भी जेल में रहे, वहां उनके साथ विवाद जुड़ते रहे।
अग्रिम जमानत याचिका खारिज: गिरफ्तारी से बचने के लिए डिप्टी सुपरिंटेंडेंट कुलदीप हुड्डा द्वारा नारनौल कोर्ट में लगाई गई अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज हो गई है। विजिलेंस की टीम ने एक दिन पहले ही सुपरिंटेंडेंट अनिल कुमार जांगड़ा की रेवाड़ी स्थित कोठी पर रेड भी की थी, लेकिन 7 घंटे की कार्रवाई के बाद भी सुपरिंटेंडेंट विजिलेंस के हत्थे नहीं चढ़ पाया।