रेवाड़ी: जिले के धारूहेडा इलाके में टाईगर पिछले तीन दिन घूम रहा है। रेसक्यू टीम का कहना है टाईगर साहबी बेराज के आस पास ही धूम रहा है। टाईगर के धारूहेड़ा में आने से आस पास गांवो में हड़कंप मचा हुआ है। अलवर वन विभाग व रेवाडी की टीम ने पिछले तीन दिन से साहबी बेराज पर डेरा डाला हुआ है।Rewari: प्रॉपर्टी डीलर की कार डिवाइडर से टकराई, सडक पर बिखरे लाखों रूपए… जानिए फिर क्या हुआ
तीन माह से गायब है टाईगर: सरिस्का टाइगर रिजर्व के अलवर बफर रेंज से निकला टाइगर एसटी- 2303 राजस्थान की सीमा पार कर शुक्रवार को हरियाणा के रेवाड़ी जिले में पहुंच गया। फिलहाल टाइगर की लोकेशन साहबी बेराज के पास खेतों में पाई गई है। अलवर वन मंडल के रेंजर ललित सिंह ने बताया कि अलवर बफर रेंज से निकले बाघ की लोकेशन फिलहाल रेवाडी में है
बाघ को ट्रंक्यूलाइज करने के लिए सरिस्का एवं जयपुर के विशेषज्ञों की टीम जुटी है। सरिस्का टाइगर रिजर्व एवं रेवाड़ी के वन विभाग की टीम डीएफओ के नेतृत्व में वहां तैनात है। ये टाईगर पिछले तीन माह से सरिस्का टाइगर रिजर्व के अलवर बफर रेंज से गायब चल रहा है।Rewari: मंदिर में विधि विधान से किया भूमि पूजन
लोकेशन नहीं मिलने से ट्रंक्यूलाइज नहीं हो सका : नर बाघ एसटी-2303 को ततारपुर खालसा गांव के लोगों ने देखने की जानकारी दी है, साथ ही बाघ के अंतिम पगमार्क मिलने तक वन कर्मियों की टीम तलाश में जुटी है। लेकिन वनकर्मियों को बाघ की लोकेशन नहीं मिल पाई है। इस कारण बाघ को ट्रंक्यूलाइज करने में परेशानी आ रही है। बाघ को पिंजरे में लाने के लिए शिकार भी बांधा है, लेकिन पकडने में सफलता नही मिली है।
खेतों में फसल होने के कारण समस्या बढ़ी : इन दिनों खेतों में फसल खड़ी है, इस कारण बाघ की लोकेशन ट्रेस करने में परेशानी हो रही है। खेतों में होकर बाघ बढ़ रहा है। यह बाघ अलवर बफर रेंज से करीब तीन महीने पहले निकला था और काफी समय तक किशनगढ़बास के जंगल में रहा। यह बाघ खैरथल के रेलवे लाइन तक पहुंच चुका है। गुरुवार को टपूकड़ा में एक किसान को भी बाघ ने घायल कर दिया था। शुक्रवार को इस बाघ की लोकेशन हरियाणा के ततारपुर खालसा व निखरी पास में मिली है। वहीं अभी इसकी लोकेशन साहबी बेराज के पास ही दिख रही है।