Haryana: हांसी-महम रेललाइन बनने का रास्ता साफ, पांच साल से लटका था काम
सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले का बताया गल्त
हरियाणा: हिसार में हांसी-महम रेललाइन के लिए अधिग्रहित की गई जमीन में से सोरखी गांव की जमीन के अधिग्रहण को गलत बताने वाले पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया है। इसी के साथ अब रेलवे लाईन बनाने का रास्ता साफ हो गया है।Rewari Accident: NH 48 पर टायर बदल रहे चालक को ट्राले ने कुचला
दो साल में होना था काम: रेलवे ट्रैक बिछाने का काम 2017 में शुरू हुआ। जिसके लिए जून 2019 तक का समय तय किया गया था। भूमि अधिग्रहण नहीं होने से रेलवे ट्रैक का काम पूरा नहीं हो पाया। हालांकि ट्रैक बिछाने का 98 फीसदी काम कर लिया गया है।
प्रोजेक्ट के पूरा होने से हिसार-रोहतक सीधी रेल लाइन से आपस में जुड़ जाएंगे। रोहतक-महम-हांसी के बीच बिछाए जा रहे रेलवे ट्रैक पर पांच क्रॉसिंग स्टेशन मोखरा, मदीना, महम, मुंढाल और गढ़ी बनाए हैं। बहुअकबरपुर, खरकड़ा, बलंभा, सोरखी में हॉल्ट स्टेशन होंगे।
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हाईकोर्ट के निर्णय को किया खारिज
सरकार की अपील स्टेट ऑफ हरियाणा एंड अदर्स के खिलाफ कृष्ण कुमार एंड अदर्स को मंजूर करते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश अजय रस्तोगी और बेला एम त्रिवेदी की खंडपीठ ने हाईकोर्ट के निर्णय को खारिज कर दिया है।।
बता दें कि 68.5 किलोमीटर लंबी इस रेललाइन पर 1500 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाया गया था। 31 जुलाई 2013 को केंद्रीय रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे ने तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मौजूदगी में इसकी आधारशिला रखी थी।