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• INLD नेता अभय सिंह चौटाला की सुरक्षा संबंधी याचिका पर हाईकोर्ट का कड़ा रुख।
• केंद्र व हरियाणा सरकार को 16 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने का आदेश।
• चौटाला का दावा—देश-विदेश के गैंगस्टर दे रहे जान से मारने की धमकी।
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक अभय सिंह चौटाला की सुरक्षा बढ़ाने की मांग संबंधी याचिका पर केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने दोनों सरकारों को 16 दिसंबर तक विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। अभय चौटाला ने याचिका में संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुए कहा है कि जीवन और व्यक्तिगत सुरक्षा प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है।
चौटाला ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के अपराधियों व गैंगस्टरों से लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं, ऐसे में केंद्र की ओर से Z+ या Z श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की जानी चाहिए।। इसलिए सरकारों का दायित्व है कि वह खतरे का आकलन करके उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करें।
चौटाला का आरोप है कि कई बार सुरक्षा की मांग करने के बावजूद न तो सुरक्षा मूल्यांकन समिति गठित की गई और न ही खतरे के स्तर का कोई आकलन किया गया। उन्होंने कहा कि सरकार ने न तो किसी प्रकार की सुरक्षा उपलब्ध करवाई और न ही स्थिति की गंभीरता को समझने की कोशिश की है।
हाईकोर्ट द्वारा नोटिस जारी होने के बाद अब यह मामला पूरी तरह से सरकार के जवाब पर निर्भर करेगा। आगामी सुनवाई में यह स्पष्ट हो जाएगा कि अभय चौटाला को Z+ या Z श्रेणी की सुरक्षा मिलेगी या नहीं। स्थानीय राजनीतिक हलकों में भी इस मामले को लेकर चर्चा तेज हो गई है, क्योंकि चौटाला प्रदेश के प्रमुख नेताओं में गिने जाते हैं और पहले भी सुरक्षा को लेकर मुद्दे उठते रहे हैं।

















