Rewari News, Best24news: गांवों में दूषित पानी की निकासी का स्थायी प्रबंधन नहीं होने के कारण जलभराव रहता है। इससे गांवों के रास्ते बदहाल हो रहे हैं। इसके अलावा दूषित पानी बीमारियों का कारण भी बन रहा है। पंचायती विभाग के पास आए दिन दर्जनों शिकायतें दूषित पानी से संबंधित आती है। ग्रामीणों को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए इस योजना को अमलीजाम पहनाया जा रहा है।
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50 गांवो को तोहफा: दूषित पानी से परेशान ग्रामीणों को नई साल में बड़ी राहत मिलने वाली है। पंचायतीराज विभाग की ओर से तरल अपशिष्ट जल प्रबंधन योजना के तहत 3 करोड़ 60 लाख रुपये की लागत से जिला के 50 गांवों दूषित पानी का शोधन (फिल्टर) करने के लिए प्लांट लगाने की तैयारी कर ली है।
इसके बाद जिले के करीब 10 लाख की आबादी को दूषित पानी से छुटकारा मिल जाएगा। विभाग के अधिकारियों के अनुसार शोधन के बाद यह पानी को किसानों को दिया जाएगा।। इसके बाद न केवल गांवों की गलियों में भरे गंदा पानी से छुटकारा मिल सकेगा, बल्कि किसानों को खेती के लिए भी योग्य पानी मिल सकेगा।
इन गांवों में लगेगे एसटीपी प्लाटं
गांव टांकडी, जयसिंहपुरा खेड़ा, जलालपुर, नैचाना, साबन, शाहपुर, सुठाना, मनेठी, बलवाडी, चिमनावास, ढाणी सांतों, गोठडा टप्पा खोरी, गुमीना, हरजीपुर, खालेटा, कुंड, कुंडल, नांगल जमालपुर,पाड़ला, राजपुरा इस्तमुरार, सीहा, कंवाली, आलियावास, बास बिटोडी, भटेडा, ढाणी ठेठरबाढ, दडौली, देहलावास, फतेहपुरी टप्पा डहीना, कुमरोधा, बव्वा, बिसोहा, गुजरवास, खुर्शीदनगर, मुमताजपुर, नया गांव, शादीपुर भूरियावास, श्यामनगर, उष्मापुर,चौकी नंबर दो, ढोकिया, गादला, हालुहेडा, कन्हौरा, हांसावास, बालधन खुर्द, भूरथल जाट, ढोहकी, काकोडिया व बलियार खुर्द शामिल हैं।
3 करोड 60 लाख रुपये होगे खर्च
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जिले के 50 गांवों के लिए करीब 3 करोड 60 लाख रुपये की लागत से तरल अपशिष्ट जलप्रबंधन की टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। अधिकारियों व कर्मचारियों को इस बारे में आवश्यक दिशानिर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। इस योजना के बाद गांवों से गंदे पानी की समस्या का समाधान हो जाएगा।
-नरेन्द्र गुलिया, कार्यकारी अभियंता पंचायतीराज विभाग