Prepaid Smart Meter Yojana in Haryana : लाइन लॉस कम करने के लिए जाएंगे स्मार्ट बिजली मीटर, जानिए किन जिलो से होगी शुरूआत
Prepaid Smart Meter Yojana in Haryana: बिजली के लाईन लोस का कम करने, मीटर रीडिंग एवं बिजली बिल संबंधी समस्याओं का स्थाई समाधान व बिजली चोरी पर अंकुश लगाने के लिए हरियाणा में स्मार्ट बिजली मीटर (Smart Meter Scheme) लगाए जांएगे। गुरुग्राम, फरीदाबाद, अंबाला, करनाल तथा पंचकूला में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया जारी है।
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दोस्तों, सबसे पहले हम आपको यह बताएंगे कि Prepaid Smart Meter Yojana क्या है?
ऐसे होंगे फायदे:
उपभोक्ता जितना रिचार्ज कराएगा, वह उतनी ही बिजली खर्च सकेगा। पहले की तरह बिजली बकायादार कहलाने की नौबत ही नहीं आएगी। उसे उसके रिचार्ज के आधार पर 24 घंटे बिजली का सुख मुहैया होगा।
प्रीपेड स्मार्ट मीटर के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ की समस्या भी खत्म हो जाती है। ऐसा यदि कोई करता है तो विभाग के पास एक अलर्ट मैसेज जाता है और संबंधित उपभोक्ता के खिलाफ कार्रवाई हो जाती है।
उपभोक्ता के पास बिजली का बिल नहीं आएगा, क्योंकि रिचार्ज करने के नाते उसकी जरूरत ही नहीं पड़ेगी। बिजली का बिल नहीं आएगा तो उसे भरने के लिए बिजली केंद्र के चक्कर काटने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
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मैनुअल मीटर रीडिंग की आवश्यकता नहीं रह जाएगी। यानी बिजली कर्मचारी को रीडिंग लेने घर पर आने की जरूरत नहीं रह जाएगी। इस तरह मैनपावर और टाइम दोनों की बचत होगी। कर्मचारी स्टेशन से ही साफ्टवेयर के जरिए आसानी से प्रत्येक घर की बिजली की खपत की गणना कर सकते हैं।
किसी भी तरह की गड़बड़ी की संभावना भी कम हो जाएगी जैसे कि लोग बिजली के तारों पर कटिया डालकर अपने घरों में सीधे बिजली का उपभोग नहीं कर सकेंगे। इसके साथ ही मीटर रीडिंग के दौरान होने वाली चूक, बिल बढ़ाकर भेज दिए जाने की समस्या जैसी मुसीबत से भी छुटकारा मिल जाएगा।
स्मार्ट मीटर बिजली के खर्चों को बचाते हैं। उपभोक्ता जितना रिचार्ज करता है, उतनी ही बिजली खर्च करता है। ऐसे में बेतहाशा बिजली खर्च की गुंजाइश भी नहीं रहती।
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उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर पर लगी डिस्प्ले स्क्रीन के माध्यम से वर्तमान शेष बिजली बिल, बिजली की वर्तमान शेष राशि, और पिछले महीने खपत बिजली की मात्रा के माध्यम से पता चल सकता है, जिससे उन्हें अपने स्वयं के बिजली की खपत के बारे में पता चल जाएगा।
स्मार्ट मीटर स्वचालित रूप से अलार्म का उपयोग करता है। जब बिजली का उपयोग किया जाता है। जब निवासी के घर में बिजली का लोड अधिक होता है या शेष बैटरी अपर्याप्त होती है, तो यह स्वचालित रूप से अलार्म होगा, जो निवासियों को बिजली लोड या समय पर रिचार्ज को कम करने के लिए याद दिलाएगा।
स्मार्ट मीटर का रिचार्ज यानी बिजली के लिए भुगतान त्वरित और आसान है। कई सुपरमार्केट सुविधा स्टोर बिजली रिचार्जिंग और भुगतान सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इसके अलावा कई ऑनलाइन भुगतान प्लेटफार्मों ने बिजली भुगतान सेवाएं भी खोली हैं।
बिजली रिचार्ज की वजह से बिजली विभाग पर बकाया का भार नहीं रहेगा। न ही वसूली की नौबत आएगी। न अभियान की जरूरत पड़ेगी। कुल मिलाकर ‘सब कुछ चंगा सी’ होगा।
ये होगा नुकसान:
जैसा कि हमने आपको बताया कि Prepaid Smart Meter Yojana के जहां कई फायदे हैं। वहीं कई नुकसान भी हैं । जैसे कि उदाहरण के लिए रिचार्ज करने पर ही बिजली मिलने की वजह से ढेरों ऐसे लोग भी बिजली से वंचित हो जाएंगे, जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। उनके पास अगर बिजली रिचार्ज करने को पैसे न हुए तो एक बड़े तबके को अंधेरे में गुजर बसर करने को मजबूर होना पड़ेगा। कुछ लोगों का तर्क यह भी है कि इस क्षेत्र में निजी कंपनियों के उतरने से सेवा बेशक सुधरे, लेकिन इससे उनकी मनमानी को भी बढ़ावा मिलेगा।
स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया जारी
हरियाणा के बिजली मंत्री रणजीत सिंह हिसार के लोक निर्माण विश्राम गृह में बिजली निगम के सौजन्य से आयोजित बिजली पंचायत में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे। उन्होंने बताया कि बिजली निगम द्वारा प्रदेश के पांच जिलों गुरुग्राम, फरीदाबाद, अंबाला, करनाल तथा पंचकूला में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने की प्रक्रिया जारी है। स्मार्ट मीटर को बंद व चालू करने की प्रक्रिया उपभोक्ता स्वयं कर सकेंगे।
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कंट्रोल होग निगम के कार्यालय में:
मीटर का कंट्रोल निगम के कार्यालय में रहेगा तथा इससे मीटर की रीडिंग व गलत बिजली बिल संबंधी समस्याओं से निजात मिलेगी। उन्होंने कहा कि निगम द्वारा लाइन लॉस कम करने के लिए कारगर कदम उठाए जा रहे हैं।
गत सरकारों के दौरान प्रदेश में 31 प्रतिशत लाइन लोस था, जिसे कम करके अब लगभग 14 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे करीब 5 हजार करोड़ रुपये के राजस्व की बढ़ोतरी हुई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली उपभोक्ताओं को पर्याप्त मात्रा में बिजली आपूर्ति करने के उद्देश्य से म्हारा गांव-जगमग गांव योजना को प्रभावशाली ढंग से लागू किया गया है। निगम द्वारा बिजली बिलों का भुगतान डिजिटल के माध्यम से करने के लिए उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
बिजली से संबंधी उपभोक्ताओं की शिकायतों के लिए निगम द्वारा टोल फ्री नम्बर 1800-180-4334 तथा 1912 जारी किया गया है।
गर्मी में बिजली संकट नहीं होगा:
रणजीत सिंह ने कहा कि बिजली निगमों को इस गर्मी चाहे महंगी दरों पर बिजली खरीदनी पड़े। प्रदेश की जनता को बिजली संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। उनका कहना था कि निजी कम्पनियों के पास बिजली सरप्लस होने से सरकार हर कीमत अदा कर बिजली आपूर्ति बहाल रखेगी।
बिजली के कट जनता को नहीं झेलने पड़ेंगे। रणजीत सिंह ने कहा कि उनके बीते दो साल में मंत्री पद संभालने के बाद बिजली निगम का हजारों करोड़ रुपये का घाटा न केवल दूर हुआ बल्कि पहली बार निगम 672 करोड़ रुपये सालाना फायदे में पहुंच गया है। कांग्रेस शासनकाल में प्रदेशभर में बिजली लॉस रिकॉर्ड 31 प्रतिशत तक पहुंच गया था।
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लाइन लॉस घटकर हुआ 14 प्रतिशत
भाजपा सरकार ने लाइन लॉस दूर करने के लिए ठोस कदम उठाए। खासकर सीएम से अनुमति लेकर उन्होंने गुरुग्राम में बिजली चोरी करने वाले बड़े उद्योगों की न सिर्फ चोरी रुकवाई। बल्कि भारी-भरकम जुर्माना भी वसूल कराया।
रणजीत सिंह ने कहा कि लाइन लॉस अगर 1 प्रतिशत भी कम हो तो निगम की आय में 380 करोड़ रुपये का इजाफा होता है। उन्होंने बताया कि सरकार के प्रयासों से इस समय बिजली लाइन लॉस घटकर 14 प्रतिशत रह गया था।
यह वजह है कि कुछ साल पहले तो बिजली निगम जो हजारों करोड़ रुपये घाटे में थे। अब पहली बार उसे 672 करोड़ रुपये मुनाफा आया है।