Shafali Verma: भारत की महिला क्रिकेट टीम ने बीती रात इतिहास रच दिया — टीम इंडिया ने महिला क्रिकेट विश्व कप जीतकर पूरे देश को गर्व से भर दिया। इस शानदार जीत में हरियाणा के रोहतक की शेफाली वर्मा ने अहम भूमिका निभाई। शेफाली ने अपने दमदार प्रदर्शन से मैच का रुख पूरी तरह बदल दिया। उन्होंने 78 गेंदों पर 87 रन की शानदार पारी खेली और बाद में गेंदबाजी में भी कमाल करते हुए 2 विकेट हासिल किए। इस शानदार ऑलराउंड प्रदर्शन के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया। शेफाली की यह पारी और उनका आत्मविश्वास भारतीय महिला क्रिकेट के लिए एक नई प्रेरणा बन गई है।
रोहतक में जश्न का माहौल, शेफाली के परिवार में खुशी की लहर
जैसे ही टीम इंडिया ने विश्व कप जीता, रोहतक में स्थित शेफाली वर्मा के घर के बाहर देर रात तक आतिशबाजी और जश्न का माहौल रहा। परिवार और मोहल्ले के लोगों ने ढोल-नगाड़ों की थाप पर खुशियां मनाईं और मिठाइयां बांटीं। उनके पिता संजीव वर्मा ने घर के मंदिर में पूजा-अर्चना की और बेटी की सफलता के लिए देवी मां का आभार व्यक्त किया। शेफाली की मां प्रवीन बाला, दादा संतलाल वर्मा, बहन नैंसी और भाई साहिल भी इस खुशी में शामिल रहे। शेफाली के कोच बबलू नायक ने कहा, “शेफाली और उनके पिता दोनों ने संघर्ष और मेहनत की मिसाल पेश की है। यह जीत न सिर्फ खिलाड़ियों के लिए बल्कि उनके परिवारों के लिए भी प्रेरणा है। अब माता-पिता अपनी बेटियों को क्रिकेट खेलने के लिए और प्रोत्साहित करेंगे।”
शेफाली का सफर : जब गली क्रिकेट से शुरू हुआ सपना
शेफाली वर्मा का क्रिकेट सफर बेहद प्रेरणादायक है। साल 2013 में लाहली स्टेडियम (रोहतक) में उन्होंने अपने आदर्श सचिन तेंदुलकर को रणजी ट्रॉफी खेलते देखा। उसी दिन उन्होंने निश्चय किया कि वह भी क्रिकेटर बनेंगी। उसके बाद उन्होंने गली क्रिकेट से शुरुआत की, जहां अक्सर लड़कों के साथ खेलते हुए उन्होंने अपने खेल को निखारा। 2016 में शेफाली हरियाणा की अंडर-16 टीम में चुनी गईं। गली क्रिकेट में लड़कों के साथ खेलने से उन्हें आत्मविश्वास और आक्रामक बल्लेबाजी की आदत मिली, जो आज उनके खेल की पहचान बन चुकी है। उनका कहना है कि “अगर मैंने गली में लड़कों के साथ क्रिकेट न खेली होती, तो शायद यह साहस न आता।”
कम उम्र में बनाए कई रिकॉर्ड, अब बनीं विश्व कप की हीरो
सितंबर 2019 में मात्र 15 साल की उम्र में शेफाली वर्मा ने भारत की ओर से महिला टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया और भारत की सबसे कम उम्र की टी-20 खिलाड़ी बन गईं। इसके कुछ महीनों बाद, वेस्ट इंडीज के खिलाफ उन्होंने 49 गेंदों में 73 रन की धमाकेदार पारी खेलकर सबको चौंका दिया। जून 2021 में उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट और वनडे दोनों में पदार्पण किया और पहले ही टेस्ट मैच में दोनों पारियों में अर्धशतक लगाकर इतिहास रच दिया। अक्टूबर 2022 में वह महिला टी-20 क्रिकेट में सबसे कम उम्र में 1000 रन पूरे करने वाली भारतीय खिलाड़ी बनीं।
जनवरी 2023 में उन्होंने भारत को आईसीसी अंडर-19 महिला टी-20 विश्व कप जिताकर पहली बार भारत को इस खिताब का विजेता बनाया। और अब 2025 के इस विश्व कप में, शेफाली वर्मा ने अपने खेल से साबित कर दिया कि गली क्रिकेट खेलने वाली यह लड़की अब भारतीय क्रिकेट की नई पहचान बन चुकी है — विश्व कप की हीरो।

















