Best24News, Haryana: हैवी ड्राइविंग लाइसेंस सर्टिफिकेट (Driving license certificate)को लेकर भ्रष्टाचार आज कोई नया नहीं है। पहले भी ऐसे कई मामले पकडे गए है। एक बार फिर लाईसेंस फर्जीवाडे को लेकर पानीपत रोडवेज डिपो में 3 कर्मचारियों को सस्पेंड (Suspended) व 9 को (notice to 9, forgery regarding heavy driving license)स्पष्टीकरण पत्र जारी किया गया है।
पानीपत रोडवेज डिपो के जीएम कुलदीप जांगड़ा ने यह कड़ा एक्शन लिया है। एक साथ इतनी बड़ी कार्रवाई होने के बाद रोडवेज डिपो के सभी कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है।
सस्पेंड किए गए एक कर्मचारी ने हैवी ड्राइविंग लाइसेंस सर्टिफिकेट जारी किए हैं। जिसने लाखों रुपयों की राशि का घपला किया है। वहीं, विभिन्न आरोपों में 9 कर्मचारियों को आरोप पत्र जारी किया गया है। साथ ही उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा गया है।
पानीपत रोडवेज जीएम कुलदीप जांगड़ा ने बताया कि प्रारंभिक जांच पड़ताल में आए तथ्यों के आधार पर सभी दोषी प्रतीत कर्मचारियों को निलंबित और चार्जशीट (आरोप पत्र) जारी किए गए हैं। विभिन्न दोषों के आधार पर 3 कर्मचारियों को निलंबित व 9 को स्पष्टीकरण पत्र जारी किया गया है।
क्योंकि चालक का प्रशिक्षण एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। जोकि आमजन, रोड यूजर की सुरक्षा से जुड़ा हुआ मामला है। किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार, कोताही एवं लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। सभी अभ्यर्थियों को समयबद्ध एवं नियमित रूप से प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
सर्टिफिकेट जारी करने के दौरान हुआ खुलासा
इस बारे में रोडवेज जीएम कुलदीप जांगड़ा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस मामले का खुलासा बैच नंबर 1209 के सर्टिफिकेट जारी करने के दौरान हुआ था।
दरअसल, हैवी लाइसेंस की ट्रेनिंग देने के लिए ड्राइवर सुनील कुमार, ट्रेनर प्रदीप व ट्रेनर नरेश को नियुक्त किया हुआ है। इंचार्ज सुनील कुमार ने रोडवेज डिपो में एक प्राइवेट व्यक्ति को अवैध रुप से डाटा एंट्री ऑपरेटर लगाया हुआ था।