Alwar Political news: इस बार भाजपा नए चेहरों पर लगाइगी दाव?

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विधानसभा चुनाव 2018 में 9 सीटिंग एमएलए के कटे थे टिकट
Alwar Political news: राजसथान में 2023 में चुनाव होने है। भाजपा विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है। इस समय प्रत्याशियों के चयन पर भी मंथन चल रहा है। इस बार भी भाजपा कई नए चेहरे मैदान में उतार सकती है। ऐसे में पार्टी के कई बड़े खिलाड़ी क्लीनबोल्ड हो सकते हैं।Rewari: सहस्त्रधारा रुद्राभिषेक महोत्सव 28 अगस्त को

मुंडावर विधायक धर्मपाल चौधरी का पद पर रहते हुए वर्ष 2018 में निधन हो गया था। उनके स्थान पर उनके बेटे मनजीत चौधरी को भाजपा ने मुंडावर से प्रत्याशी बनाया। कुल 11 में से पार्टी को दो ही सीटों से जीत मिली। एक शहर सीट से संजय शर्मा की तो दूसरी मुंडावर से मंजीत चौधरी की। बाकी 9 प्रत्याशी हार गए।रक्षाबंधन पर दिन भर रहेगा भद्रा का साया, दो दिन मनाएंगे त्योहार

हालांकि वह पूरी ताकत के साथ जुटे हैं कि टिकट उनकी झोली में आ जाए। वहीं दूसरी ओर पुराना रेकॉर्ड भी नेताओं का डरा रहा है। क्योंकि वर्ष 2013 में जो विधायक जीतकर फिर से वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कूदने की तैयारी कर रहे थे उनके अधिकांश के टिकट काट दिए गए थे। एक टिकट रिपीट हुआ था और वह भी हार गए।

 

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चुनाव 2013 पर नजर : वर्ष 2013 के चुनाव में भाजपा के टिकट से 11 विधानसभाओं में 9 विधायक जीतकर आए। इनमें अलवर शहर से बनवारी लाल सिंघल, अलवर ग्रामीण से जयराम जाटव, थानागाजी से हेमसिंह भड़ाना, कठूमर से मंगल राम कोली, रामगढ़ से ज्ञानदेव आहूजा, बहरोड़ से जसवंत यादव, किशनगढ़बास में रामहेत यादव, तिजारा में मामन सिंह यादव, मुंडावर में धर्मपाल चौधरी शामिल हैं।Ola Electric Scooters: ये है देश का सबसे किफायती व सस्ता स्कूटर, डिलीवरी शुरू, जानिए कीमत व फीचर्स

चुनाव 2018 पर नजर : वर्ष 2008 में जो विधायक भाजपा के टिकट से जीतकर आए थे उसमें से वर्ष 2015 में पांच रिपीट हुए। यदि 2018 में टिकट नेताओं के नहीं काटे जाते तो उम्मीद थी कि करीब पांच सीट भाजपा के खाते में आती। ज्यादा ​टिकट काटना 2018 में मंहंगा पड गया था।Rewari: कैप्सुजेल कंपनी में हवन व सनातन धर्म भंडारे का आयोजन

जिसको दोबारा उतारा वो भी बोल्ड: इन सभी विधायकों में से केवल किशनगढ़बास विधायक रामहेत यादव को ही वर्ष 2018 के चुनावी मैदान में दोबारा उतारा गया था लेकिन वह भी हार गए।

नेता लगे टिकट के जुगाड में : यहां के नेता यही पता करने में जुटे हैं कि पार्टी वर्ष 2018 का ट्रेंड इस बार लागू तो नहीं करेगी? राजनीतिक सलाहकारो का कहना है कि इस बार मिला-जुला असर रहेगा।