हरियाणा: कोसली विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने कहा कि 2015 में बाईपास की घोषणा की गई थी, लेकिन उसके बाद से सिर्फ कागजी कार्रवाही के अलावा कुछ नहीं किया गया है। एक तरफ पुल बंद है तो दूसरी तरफ बाईपास का निर्माण नहीं हो रहा है, जिसके चलते कोसली का बाजार पूरी तरह पैक हो गया है।
कोसली विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन कोसली के जर्जर ओवरब्रिज तथा राष्ट्रीय राजमार्ग की तर्ज पर बाईपास के निर्माण की मांग रखी।
Rewari News: पिकअप नहर मेंं गिरी, जानिए फिर क्या हुआकोसली विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने विधानसभा में अपनी मांगों को रखते हुए कहा कि कोसली का ऊपरगामी पुल 2012 में बनाया गया था, जो कि 2017 में ही डैमेज हो गया। सीआरआरआई न्यू दिल्ली की जांच में भी इसे डैमेज घोषित किया जा चुका है। जिसके इस पुल पर हलकी गाडिय़ां भी निषेध की गई है। कोसली से प्रतिदिन कई हजारों गाडिय़ां निकलती है,
लेकिन पुल के सुचारू कार्य नहीं करने से पूरा कोसली शहर बंद सा होकर रह गया है। कोसली विधायक ने कहा कि इसी प्रकार कोसली बाईपास का निर्माण भी नहीं होने से क्षेत्र के लोग काफी परेशान हैं। 2015 में बाईपास की घोषणा की गई थी, लेकिन उसके बाद से सिर्फ कागजी कार्रवाही के अलावा कुछ नहीं किया गया है। एक तरफ पुल बंद है तो दूसरी तरफ बाईपास का निर्माण नहीं हो रहा है, जिसके चलते कोसली का बाजार पूरी तरह पैक हो गया है।
उन्होंने जोरदार मांग रखी रखी कि राष्ट्रीय राजमार्ग की तर्ज पर ही नियमों का निर्धारण कर बाईपास के निर्माण की प्रक्रिया अमल में लाई जाए, ताकि आमजन को राहत मिल सके।
कोसली की दो प्रमुख मांगों को रखे जाने के जवाब में उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला ने बताया कि कोसली में ऊपरगामी पुल का पुनर्निर्माण करवाया जाएगा और बाईपास भी बनवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि कोसली में ऊपरगामी पुल के पुनर्निर्माण और बाईपास के निर्माण का प्रस्ताव है।
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उन्होंने बताया कि कोसली ऊपरगामी पुल सीआरआरआईए नई दिल्ली की विस्तृत रिपोर्ट के अनुसार पुल के पुननिर्माण के लिए अनुमानित लागत का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। डिप्टी सीएम ने सदन बताया कि जिस कंपनी ने इस पुल का निर्माण किया था, उसे डीबार कर दिया गया और संबंधित अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गई।
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि कोसली बाईपास के लिए 6274.16 लाख रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई थी। कोसली बाईपास निर्माण के लिए सरकारी भूमि उपलब्ध नहीं है और निजी भूमि खरीदे जाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि भूमि की खरीद का मामला ई.भूमि पोर्टल के माध्यम से शुरू किया गया था
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लेकिन भू.स्वामियों द्वारा भूमि की उच्च दरों की मांग के कारण इसे छोडऩा पड़ा। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि अब अन्य विकल्पों का पता लगाया गया है और उस पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भूमि की खरीद के तुरंत बाद कोसली बाईपास का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।