श्रीमद्भागवत कथा सुन भाव विभोर हो उठे श्रद्धालु
Srimad Bhagwat Katha: यहां के मॉडल टाउन स्थित अग्रवाल भवन में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में बुधवार को भारी भीड़ उमडी। चोथे दिन भगवान श्री कृष्ण के जन्म का प्रसंग सुनाया गया।इस मौके पर झांकी भी निकाली गई।
कथा व्यास परम पूज्य श्री श्री 1008 स्वामी श्रीराम प्रपन्नाचार्य जी महाराज (वृंदावन वाले) ने भगवान श्री कृष्ण के जन्म का प्रसंग को सुनाया। उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण के अवतार पर कंस द्वारा कई प्रकार की साजिश रची गई थी, लेकिन उन सभी बाधाओं को पार करते हुए कन्हैया जो स्वयं भगवान स्वरूप थे।
कई प्रकार की लीलाएं पहले ही रच चुके थे। जिसके लिए उनके माता-पिता ने भी कई प्रकार के कष्ट उठाए और भगवान श्री कृष्ण का अवतार हुआ। जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी तो भगवान श्री कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब माता देवकी गर्भवती हुई तो उसे अपनी संतान की मृत्यु का भय सता रहा था।

भगवान श्री कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्री कृष्ण गोकुल पहुंच गए। उन्होंने कहा कि यह सौभाग्य की बात है कि लोग कथा में पहुंचकर कथा का आनंद उठाते हैं और अपने पापों का निवारण करते हैं। कोई पापी और अज्ञानी व्यक्ति कथा में पहुंच ही नहीं पाता, क्योंकि पाप उस पर हावी रहता है। Srimad Bhagwat Katha:
संगीतमय वर्णन सुनकर श्रद्धालु झूमे: भागवत की कथा सुनने और समझने मात्र से ही मनुष्य ज्ञानी पद को प्राप्त कर लेता है और कई प्रकार के पापों का निवारण करता है। सतगुरु सेवा समिति रेवाड़ी के संयोजन में आयोजित कथा का संगीतमय वर्णन सुनकर श्रद्धालु झूम उठे।
प्रतिदिन दोपहर 2:30 बजे से 7:30 बजे तक होती है कथा: समिति के प्रधान पंडित रमेश शर्मा ने बताया कि रोजाना दोपहर 2:30 बजे से 7:30 बजे तक होती है। भागवत कथा एवं ज्ञान यज्ञ सप्ताह का समापन 9 नवंबर को होगा। इसी दिन हवन यज्ञ एवं भंडारा आयोजित किया जाएगा।

















