आखिर इस बार रोस्टर क्यों नहीं किया लागू, प्रशासन की लापरवाही किसान परेशान
Sell mustard: 6 से 7 किलोमीटर लंबी ट्रेक्टर ट्राली की लाइन लगी हुई है। ये सभी किसान सरसों की आवक सरकारी रेट पर बेचने के लिए आएं है। किसानो का कहना है सरसो बेचना किसी जंग जीतने से कम नही है।Property tax offer: 31 जुलाई तक प्रॉपर्टी टैक्स जमा कराने पर टैक्स में मिलेगी 10 प्रतिशत छूट : डा. गुप्ता
मंडी में तो इतना बुरा हाल है कि किसान रात को ही लाइन में लग जाते है और फिर घंटो लाइन में खड़े होने को मजबूर है। जो किसान भीषण गर्मी और चिलचिलाती धूप में लाइन में खड़े है।
किसान सरकार से गुहार लगा रहे है कि किसानों के लिए उचित व्यवस्था करें। किसानों ने कहा कि एक बार में एक किसान की केवल 25 क्विंटल सरसो ली जा रही है। जिसके कारण दोबारा लाइन में खड़ा होना पड़ता है।
बिना किसी रोस्टर बुलाया किसानों को
बिठावाना सब्जी मंडी में हैफेड की तरफ से सरसो की खरीद (Sell mustard) प्रकिया करीबन 15 दिनों से की जा रही है। इस बार बिना किसी रोस्टर प्रणाली के किसानों को सीधे आमंत्रित किया गया है।Bhiwadi News: वकीलो ने थाने के बाहर किया प्रदर्शन, जानिए क्या है विवाद?
इसलिए जिले के अलग अलग गांवों के किसान एक साथ मंडी में सरसो बेचने के लिए आ रहे है। जिले की बावल ,कोसली और रेवाड़ी मंडी में सरसो की खरीद की जा रही है।
जानिए क्या रेट
जिले में अभी तक करीबन डेढ़ लाख किवंटल सरसों की खरीद (Sell mustard) 5450 MSP पर खरीदी जा चुकी है और कहा जा रहा है कि 15 मई तक हैफेड सरसो की सरकारी खरीद करने वाला है। इसलिए किसान जल्द से जल्द मंडी आकर सरसो बेचने के लिए लगे हुए है। लेकिन सरसो बेचना (Sell mustard) किसानों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है ।
खरीद 400 किसानों की, पहुचं रहे एक हजार
जानकारी के मुताबिक किसानों के टोकन के लिए एक काउंटर बनाया हुआ है और सभी किसानों को बिना रोस्टर प्रणाली के बुला लिया गया है जिसके कारण किसानों को ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इस मामले में मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारी कैमरे पर कुछ बताने को तैयार नहीं है। वहीं खरीद एजेंसी हैफेड के अधिकारी ने कहा कि रोजाना करीबन 400 किसानों की सरसो खरीदी (Sell mustard) जा रही है। किसानों की लंबी लाइन लगी है उन्हे जानकारी है लेकिन स्ड्यूल मार्केटिंग बोर्ड के अधिकारी बनाते है।