Haryana: सरपंच एसोसिएशन ने दी चेतावनी: एक मार्च को चंडीगढ़ विधानसभा का होगा घेराव

SARPANCH
हरियाणा: हरियाणा की पंचायतों में ई-टेंडरिंग व राइट टू रिकॉल का कानून वापस लिए जाने की मांग को लेकर कई दिनो से सरपंचों का लगातार विरोध-प्रदर्शन जारी है।मार्केट में इस स्कूटी का नहीं कोई तोड, दमदार माईलेज व अपडेटेड फीचर्स एक मार्च को विधानसभा का होगा घेराव: सरपंच एसोसिएशन हरियाणा ने फैसला लिया है कि 1 मार्च को समस्त हरियाणा के सरपंच चंडीगढ़ विधानसभा का घेराव किया जाएगा। सरपचं किसी कीमत पर पीछे हटने वाले नही है। rew सौंपा ज्ञापन: रेवाड़ी ब्लॉक के सरपंचों ने सोमवार को अपनी मांगों को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया तथा दोहपर बार SDM के नाम ज्ञापन सौंपा।बता दे कि रेवाड़ी ब्लॉक के काफी सारे सरपंच जिला सचिवालय के निकट एकत्रित हुए और नारेबाजी करते हुए जिला सचिवालय पहुंचे। वहा सरपंचो ने SDM होशियार सिंह को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। सरपंचों ने मांग उठाई की ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल का कानून रद किया जाए। जब तक रद नहीं किया जाएगा, धरना व प्रदर्शन यूं ही जारी रहेगा, भले ही पांच साल लग जाए। Viral: भरतपुर के गोपालगढ़ थाने के SHO का वीडियो वायरल ये नियम विधायको पर क्यो नहीं: सरकार जान बूझकर सरपंचों पर परेशान कर रही है। अगर वास्तव में सरकार ईमानदारी से काम करना चाहती है तो फिर सबसे पहले राइट टू रिकॉल का कानून सांसद व विधायकों पर लागू होना चाहिए।  

सरपंचों की ये हैं प्रमुख मांगे

1. ई टेंडर प्रणाली पूर्णतया बंद हो।

2. राइट टू रिकॉल एक्ट सबसे पहले एमपी और एमएलए पर लागू हो।

3. संविधान के 73वें संशोधन की 11वीं सूची के 29 अधिकार पूर्ण रूप से हरियाणा पंचायतों को दिया जाए।

4. मनरेगा की ऑनलाइन हाजरी बंद हो, क्योंकि बहुत से गांव में मोबाइल नेटवर्क नहीं होता।

5. मनरेगा की दैनिक दिहाड़ी ₹600 हो।

6. सरपंचों का मानदेय ₹30000 और पंचो का ₹5000 किया जाए।

7. परिवार पहचान पत्र पूर्णता बंद हो, जिससे आमजन बहुत परेशान है।

आंदोलन करने की दी चेतावनी: अगर सरकार ने जल्द ही इस पर फैसला नहीं लिया तो वह बड़ा आंदोलन करने से भी नहीं चुकेंगे। सरपंचों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए सोमवार को रेवाड़ी सचिवालय के आसपास पुलिसबल भी तैनात रहा। हालांकि नारेबाजी और ज्ञापन देने के बाद सरपंच शांतिपूर्ण तरीके से वापस चले गए।