रेवाड़ी: सुनील चौहान। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा महिलाओं एवं बच्चों के कल्याण के लिए अनेकों कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है।
उपायुक्त ने यह जानकारी देते हुए बताया कि आज के समय में लडका-लडकी में कोई अन्तर नहीं है लेकिन फिर भी लड़कियों को लेकर कुछ लोगों में अब भी रुढिवादी /नकारात्मक सोच है। लडक़ी तथा लडक़ों के अनुपात के अन्तर को समाप्त करने के लिए हरियाणा सरकार द्वारा आपकी बेटी हमारी बेटी योजना चलाई जा रही है।
उपायुक्त ने बताया कि राज्य में 22 जनवरी 2015 को या उसके बाद जन्मी उन सभी लड़कियों का इस योजना के अंतर्गत 21000 रूपये का बीमा कराया जाता है। जो बेटी के 18 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद उनको प्रदान किया जाता है।
Haryana: मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चोकीदारों को रक्षाबंधन पर दिया तोहफाअनुसूचित जाति या बीपीएल परिवार चाहे वह परिवार किसी भी जाति से सम्बन्ध रखता हो, में यह लाभ पहली बेटी के जन्म पर ही दिया जाता है। इसके अलावा यदि किसी परिवार मे दूसरी या तीसरी बेटी का जन्म होता है तो भी ये लाभ दिया जाता है।
दूसरी या तीसरी बेटी होने पर यह लाभ सभी जाति के लोगों को दिया जाता है। उसके लिये बीपीएल या अनुसूचित जाति का होना अनिवार्य नहीं है। दूसरी या तीसरी बेटी का जन्म यदि किसी संपन्न परिवार में भी होता है तो भी यह लाभ उस परिवार को दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा भारतीय जीवन बीमा निगम (एल.आई.सी.) के माध्यम से लड़कियों के कल्याण हेतु आपकी बेटी हमारी बेटी योजना की शुरूआत की हुई है, इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में कन्या अनुपात को बढाना तथा बालिकाओं को शिक्षा के उचित अवसर प्रदान करना है ।
इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए लिंग जांच रोकना है, क्योंकि अल्ट्रा साउंड का प्रयोग केवल बच्चे के विकास पर निगरानी के लिये ही है। अल्ट्रा साउंड का दुरुपयोग करके लिंग जांच न हो।हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा 1 सितंबर को धारूहेड़ा में
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत पंजीकरण के लिए आवेदन फार्म आंगनवाड़ी केन्द्र से प्राप्त किया जा सकता है। आवेदन फार्म के साथ लाभार्थी लडक़ी के जन्म प्रमाण पत्र की सत्यापित प्रति, टीका करण कार्ड, आधार कार्ड (लडक़ी, माता तथा पिता) आंगनवाड़ी केन्द्र में जमा करवाना होगा
। इसके अन्तर्गत्त पंजीकरण लडक़ी के जन्म के एक साल के भीतर हो जाना चाहिए। इसके लिए फॉर्म बेटी के जन्म होने के एक साल के अंदर ही भरा जा सकता है। यदि बच्ची एक साल से ज्यादा हो जाती है तो उसे यह लाभ नहीं दिया जा सकता।