हरियाणा: लंबे समय से कंपनियो के दूषित की मार झेल रहे लोगो को अब राहत मिलने वाली है। कंपनियों से निकलने वाला दूषित पानी को फिल्टर करने के लिए गांव आसलवास में एसटीपी प्लांट बनाया गया है। हरियाणा एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय की ओर से की फिल्टर पानी की जांच की गई।
फिलहाल बावल की दो जापानी कंपनियों व छह बड़े पार्कों में यह पानी इस्तेमाल हो रहा है। वहीं आसपास के 6 गांवों के किसानों ने भी खेती के लिए पानी लेने के लिए निगम से संपर्क साधा है।
बावल औद्योगिक क्षेत्र में 500 से अधिक छोटी-बड़ी कंपनियां है, जिनसे निकलने वाला दूषित पानी आसलवास सहित 10 गांवों की जमीन में जमा हो रहा था। दूषित पानी की वजह से न केवल भूमिगत जलस्तर प्रदूषित हो रहा है, बल्कि पशुओं की जान पर भी भारी पड़ रहा था। दूषित पानी की वजह से ग्रामीणों की ओर से आए दिन निगम कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया जाता था।
22 एमएलडी की क्षमता का बनाया एसटीपी प्लांट
कंपनियों से निकलने वाले दूषित पानी को फिल्टर करने के लिए एचएसआईआईडीसी की ओर से आसलवास गांव के समीप करीब पांच एकड़ भूमि में एसटीपी प्लांट का निर्माण कराया गया है। इससे पूर्व कंपनियों के प्रबंधकों के सामने भी दूषित पानी को खुले में छोड़े जाने को लेकर बड़ी समस्या थी। प्रदूषण विभाग की ओर से कई बार कंपनियों के चालान भी किए गए थे।
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इससेेे प्रबंधकों में भी काफी रोष था। एसटीपी प्लांट के निर्माण के लिए अब कंपनियों द्वारा छोड़ा जाने वाला दूषित पानी सीधे एसटीपी प्लांट में जा रहा है। उधर, कंपनियों से निकलने वाला दूषित पानी आसलवास गांव के समीप जमा हो रहा था, जिसकी वजह क्षेत्र की उपजाऊ जमीन बंजर हो गई है। ग्रामीणों ने इसका कई बार विरोध किया था। वर्तमान में भी आसलवास सहित कुछ गांवों में जमीन में दूषित पानी जमा है। इस पानी को पीने से छह मवेशियों की जान भी जा चुकी है।
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कंपनियों को बेचा जाएगा पानी
एचएसआईआईडीसी की ओर से फिल्टर पानी कंपनियों की ग्रीन बेल्ट के इस्तेमाल के लिए दिया जाएगा। हालांकि अभी इसके रेट तय नहीं किए गए हैं, लेकिन इस पानी के लिए कंपनी प्रबंधकों से निर्धारित शुल्क वसूला जाएगा। जिसे औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। बताया गया है कि इस पैसे से ग्रीनबेल्ट को ही सुंदर बनाया जाएगा। फिलहाल मुसासी व हिताची कंपनी को पानी दिया जा रहा है।
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दूषित पानी से मिलेगी राहत
कंपनियों के दूषित पानी को एसटीपी प्लांट में फिल्टर किया जा रहा है। इस पानी की जांच करा ली गई है, जिसमें यह खेती व पार्कों केे लिए बिल्कुल उपयुक्त हैं। फिल्टर पानी को ग्रीन बेल्ट के लिए दिया जाएगा। कई कंपनियों को पानी दिया जा रहा है। अब क्षेत्र में दूषित पानी की समस्या नहीं रहेगी।
-राजीव गोयल, वरिष्ठ महाप्रबंधक