मौसमदिल्लीबिहार विधानसभा चुनाव 2025CET 2025राजस्थानमनोरंजनराशिफलबिजनेसऑटो मोबाइलरेवाड़ीआध्यात्मिकअन्य

Rewari News: कैसे हुई रेवाड़ी की उत्पति, जानिए क्या है यहां का इतिहास ?

On: December 1, 2025 7:15 PM
Follow Us:
कैसे हुई रेवाड़ी की उत्पति, जानिए क्या है यहां का इतिहास

Rewari News: हरियाणा के जिला रेवाड़ी एनसीआर में कई विशेताएं समटे हुए है। यूं तो पहले इसका ज्यादातर प्रचार रेवाड़ी की रेवडी से भी जाना जाता है। लेकिन इसके इलाका कई लंबे व बडे इतिहास भी रेवाडी से जुडे हुए है।Rewari News

जानिए रेवाड़ी का नाम कैसे पडा: बता दे कि राजा ने अपनी बेटी के नाम पर “रीवा वाडी” नामक शहर स्थापित किया । बाद में रीवा ने भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम से शादी कर ली और राजा ने अपनी बेटी को दहेज के रूप में “रीवा वाडी” दान किया। बाद में रीवा वाडी शहर रेवाड़ी के रूप में जाना गया ।Rewari News

बता दे कि रेवाड़ी अपनी विरासत, ऐतिहासिक महत्व और स्थानीय संस्कृति के लिए जाना जाता है, जिसमें रेवाड़ी रेलवे हेरिटेज म्यूजियम (फेरी क्वीन जैसे भाप इंजनों के लिए प्रसिद्ध), पीतल नगरी के रूप में इसका इतिहास और नाहर वन्यजीव अभयारण्य जैसे प्राकृतिक आकर्षण शामिल हैं।Rewari News

राजधानी दिल्ली से रेवाड़ी से 82 किलोमीटर आगे हरियाणा के दक्षिण-पश्चिम भाग में स्थित है। एक शांत शहर, रेवाड़ी मुगल शासन, तीव्र विकास और आधुनिक समय के साथ संतुलन की कहानियों के साथ हरियाणा की संस्कृति की एक झलक प्रस्तुत करता है। कृषि प्रधान यह शहर इसी कृषि क्षेत्र से अच्छी आय अर्जित करता है। रेवाड़ी अपने पीतल के उत्पादों के लिए जाना जाता है, जो शहर में बड़ी संख्या में बिकते हैं और देश के अन्य हिस्सों में भी भेजे जाते हैं।

रेवाड़ी का इतिहास: रेवाड़ी की उत्पत्ति प्राचीन काल से चली आ रही है। ऐसा माना जाता है कि इस शहर की स्थापना एक अहीर समुदाय ने की थी, जिसका विवरण महाभारत में मिलता है। रेवाड़ी से जुड़ी एक कहानी के अनुसार, एक राजा ने अपनी बेटी रेवती को यह ज़मीन दहेज में दी थी, जिसके नाम से रेवाड़ी का नाम पड़ा। दिल्ली के निकट होने के कारण, रेवाड़ी मुगल शासन के दौरान भी सक्रिय रहा। जैसे-जैसे दिल्ली शहर युद्ध और मुगल शासन के प्रभाव से जूझ रहा था, रेवाड़ी को भी शासन और युद्धों के आगे झुकना पड़ा।

इस शहर में हरियाणवी संस्कृति आसानी से देखी जा सकती है, जो आज भी पुरानी परंपराओं और मानदंडों में विश्वास करती है। इस शहर में देखने और सीखने के लिए बहुत कुछ है। यह अन्य शहरों की तरह बहुत विशाल शहर नहीं हो सकता, लेकिन अपने आप में इसकी एक अलग पहचान है।

रेवाड़ी के प्रमुख आकर्षण

  • रेवाड़ी हेरिटेज स्टीम लोकोमोटिव संग्रहालय
  • बाग वाला तालाब
  • बाबा भैरों नाथ आश्रम
  • बड़ा तालाब
  • राव तुला राम स्मारक

रेवाड़ी में धार्मिक स्थल

  • बाबा पुरुषोत्तम दास मंदिर
  • घंटेश्वर मंदिर
  • गुरवाड़ा का स्तंभ
  • बाबा रघुनाथ मंदिर
  • सरगवी मंदिर
  • भागवत भक्ति आश्रम
  • श्री राम शरणम्
  • स्वामी शरणानंद मंदिर
  • लाल मस्जिद

रेवाड़ी में पार्क

  • कृष्णा गार्डन
  • टाउनशिप पार्क
  • ललिता स्मारक
  • जानिए रेवाड़ी का सबसे बडा गांव कौन सा है: रेवाड़ी जिले का सबसे बड़ा गांव कोसली है। यह जनसंख्या और क्षेत्रफल दोनों के हिसाब से सबसे बड़ा है।

    ऐतिहासिक और सांस्कृतिक आकर्षण:
    रेवाड़ी रेलवे हेरिटेज संग्रहालय: यह भारत के सबसे पुराने भाप इंजनों में से एक, फेरी क्वीन सहित आठ भाप इंजनों का घर है। यहां पर इस हरेटिेज में कई फिल्मो पर ​सीन दशाए जा चुकी है। इनता ही यह पटर्यक स्थल हर साल जिले का अच्छा राजस्व भी दे रहा है।

    पीतल नगरी: अपने पीतल और तांबे के काम के समृद्ध इतिहास के लिए जाना जाता है, यह अभी भी विभिन्न प्रकार के पीतल उत्पादों के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। आजादी से पहले भी यहां से दूर दराज के इलाकों के पीतल के बर्तन जाते थे। हालांकि आजकल इन बर्तनो की डिमांड कम होने धीरे धीरे पीतल का काम ​कम होता रहा है।

    लाल मस्जिद: 1570 में निर्मित, यह पुराने अदालतों के पास एक ऐतिहासिक स्थल है। नाहर वन्यजीव अभयारण्य: यह काले हिरण और नील गायों की विभिन्न प्रजातियों का घर है, जो इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए एक लोकप्रिय स्थान बनाता है।

Sunil Chauhan

मै पिछले दस साल से पत्रकारिता में कार्यरत हूं। जल्दी से जल्दी देश की की ताजा खबरे को आम जनता तक पहुंचाने के साथ समस्याओं को उजाकर करना है।

Join WhatsApp

Join Now

google-newsGoogle News

Follow Now