रेवाडी: किसान आंदोलन के चलते 76 दिन बाद गंगायचा टोल रविवार की देर शाम से खुल गया है। अब गंगायचा टोल टैक्स से गुजरने वाले वाहन चालकों को टोल का भुगतान करना पड़ेगा। किसान आंदोलन के कारण बंद रहे टोल को 76 दिन में 9 करोड़ 88 लाख रुपये का नुकसान हुआ है। वहीं किसान आंदोलन के चलते एक साल बंद से हाईवे के कारण पेट्रोल पंप संचालकों को अरबों रुपये की हानि हुई है।
किसान आंदोलन के चलते जिले के रेवाड़ी-रोहतक हाईवे एनएच 352 पर स्थित गंगायचा टोल को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से 27 सितंबर को बंद कराया गया था। शनिवार को किसानों की ओर विधिवत रूप से आंदोलन को समाप्त कर दिया गया है। वहीं रविवार को टोल प्लाजा को शुरू करने के लिए कार्य शुरू कर दिया गया। रविवार रात से गंगायचा टोल शुरू हो गया है। अब टोल प्लाजा शुरू होने पर बढ़ी हुई दर के हिसाब से लोगों को टोल का भुगतान करना पड़ेगा। आंदोलन के चलते टोल प्लाजा को भी पूरी तरह बंद कर दिया था। बीते वर्ष के मुकाबले कार का टोल पांच रुपये, एलसीवी का टोल पांच रुपये, बस-ट्रक का टोल 5 रुपये, मल्टी एक्सेल का टोल 10 रुपये और ओवर साइज वाहनों का टोल 15 रुपये बढ़ा है। वहीं बिना फास्टैग टोल प्लाजा पार करने पर सरकार के आदेश के तहत वाहन चालकों से दोगुना रकम वसूली जाएगी।
सरकार की ओर से 15 फरवरी 2021 को वाहनों पर फास्टैग लगाना अनिवार्य कर दिया गया था। 0 से 20 किलोमीटर के दायरे में पर्सनल व्हीकल का 285 रुपये का पास अनिवार्य कर दिया है। एनएचएआई के गाइडलाइंस के अनुसार हरियाणा सरकार ने जो सब्सिडी मिलती थी, उसको बंद कर दिया है।
देर शाम टोल प्लाजा शुरू हो गया है। किसान आंदोलन के चलते टोल प्लाजा को काफी नुकसान हुआ है। सभी वाहनों को अनिवार्य तौर पर फास्टैग लगवाना पड़ेगा। टोल प्लाजा बंद रहने के चलते कुछ वाहन चालकों द्वारा फास्टैग रिचार्ज नहीं करवाए होंगे। बिना फास्टैंग वाले वाहनों से दोगना चार्ज लिया जाएगा। – ओम प्रकाश, टोल प्लाजा मैैनेजर