3 लाख 27 हजार सेनानियों ने दिया आजादी के लिए बलिदान: हुकमचन्द यादव
रेवाड़ी: शुक्रवार को भाजपा जिला कार्यालय रेवाड़ी में जिला अध्यक्ष हुकमचन्द यादव की अध्यक्षता में एक प्रैस वार्ता आयोजित की गई जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा0 राकेश उपस्थित रहे। प्रैस वार्ता को संबोधित करते हुए डा0 राकेश ने बताया कि देश आजादी के 75वें वर्ष को अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। इस महोत्सव के तहत हरियाणा भारतीय जनता पार्टी ने भी ऐसे स्वतंत्रता सेनानियों को इतिहास में जगह दिलाने और इनकी शौर्य गाथाओं को घर-घर पहुंचाने का बीडा उठाया है, जिन्हें देश से छुपाया गया। इस पूरे अभियान का नेतृत्व हरियाणा भाजपा के यशस्वी प्रदेश अध्यक्ष श्री ओमप्रकाश धनखड़ जी स्वयं कर रहे हैं।
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उन्होने बताया कि आजादी के 90 साल के संघर्ष में देश के 3 लाख 27 हजार सेनानियों ने बलिदान दिया है। साढ़े 13 हजार को तो अंग्रेजों ने विभिन्न तरीके से क्रूरता पूर्वक मौत की सजा दी। जिसमें हरियाणा के लगभग 860 से स्वतंत्रता सेनानी शामिल है। शहीद कोष ‘‘डिस्कवरी ऑफ मार्टियस‘‘ में इन शहीदों के बारे में बताया गया है। प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में हरियाणा के 3 हजार से अधिक सेनानियों को क्रूरताभरी सजा देकर मारा गया। अंग्रेजों से लड़ते हुए हरियाणा की अनेक रियासतों के हजारों सैनिक शहीद हुए थे। उन्होने बताया कि हजारों बलिदानियों का रिकॉर्ड ही उपलब्ध नहीं है। आजाद हिन्द फौज में हरियाणा के लगभग 2,715 सैनिक शामिल थे, जिनमें 398 अफसर और 2,317 जवान थे। उन्होने बताया कि सेलूलर जेल की एक-एक ईंट अंग्रेजी क्रूरता को ब्यां करती है।
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प्रैस वार्ता को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष हुकमचंद यादव ने कहा कि आजाद हिंद फौज में रेवाड़ी जिले की भी अहम भूमिका रही थी। रेवाड़ी जिले के अनेकों गांव से लोगों ने आजादी के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया था। उन्होने बताया कि माननीय प्रदेश अध्यक्ष ओम प्रकाश धनखड़ के नेतृत्व में इस बार पूरे हरियाणा में एक साथ नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाने का निर्णय लिया गया है जिसके तहत रेवाड़ी जिले के प्रत्येक गांव व शहर के प्रत्येक वार्डो में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती बड़ी धूमधाम से मनाई जाएगी। उन्होने बताया कि इस कार्यक्रम की तैयारी बड़े जोरो शोरो से चल रही है तथा सभी पदाधिकारियों को इसकी जिम्मेदारियां भी सौंप दी है।
इस अवसर पर प्रैस वार्ता को संबोधित करते हुए विधायक लक्ष्मण सिंह यादव ने कहा कि सबसे पहले वर्ष 1858 में झांसी की रानी के 200 वीर सैनिकों को वाइपर टापू पर बंदी बनाया गया था। यह एक खुली जेल थी, जिसे चेन जेल भी कहा गया, क्योंकि सैनिकों को अंग्रेज एक ही चेन से बांधकर छोड़ देते थे ताकि वे तैरकर समुद्र के रास्ते भाग ना सके। बताया जाता है कि इस टापू का वाइपर टापू नाम इसलिए रखा गया, क्योंकि यहां वाइपर प्रजाति के जहरीले सांप होते थे। जिनके बीच स्वतंत्रता सेनानियों को बांधकर छोड़ा गया था।
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इस अवसर पर किसान मोर्चा राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रामपाल यादव, सेवा प्रकोष्ठ प्रदेश संयोजक सतीश खोला, प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सिंहराम महलावत, पूर्व मंत्री जसवंत सिंह बावल, जिला महामंत्री ईश्वर चनीजा, जिला उपाध्यक्ष अमित यादव, विस्तारक उमेद सिंह, मीडिया प्रभारी एडवोकेट नितेश अग्रवाल सहित अनेक वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद रहे।
आजाद हिन्द फौज में हरियाणा:
आजाद हिन्द फौज में हरियाणा के लगभग 2,715 सैनिक शामिल थे, जिनमें 398 अफसर और 2,317 जवान थे। तत्कालीन रोहतक जिले (रोहतक, सोनीपत तथा झज्जर) से सर्वाधिक 149 अफसर तथा 724 सैनिकों सहित 873 योद्धा इस सेना में शामिल हुए। गुड़गाँव जिले से (गुड़गाँव, फरीदाबाद, पलवल, मेवात, रेवाड़ी, महेन्द्रगढ़) 106 अफसर तथा 580 जवानों सहित कुल 686 सैनिक इस मुक्ति सेना का हिस्सा बने। इन वीरों ने ‘मित्र राष्ट्रों की सेनाओं से जमकर लोहा लिया। जनवरी 1944 में आजाद हिन्द फौज की सुभाष ब्रिगेड को प्रमुख सेनानी शाहनवाज खां के नेतृत्व में अंग्रेजों से सशस्त्र युद्ध करने का अवसर प्राप्त हुआ।
आज भी है आजाद हिंद फौज के 8 सैनिक
आजाद हिंद फौज के आठ सैनिक आज भी जिंदा है। जबकि 321 सैनिकों की विरांगनाएं आजाद हिंद फौज में सैनिक रहे अपने वीर पतियों की शौर्य गाथा सुनाने के लिए जिंदा है।