Rewari covid update: साहस: आत्मविश्वास व दढ निश्चय से कोरोना को दी मात, तालियों से स्वागत करके बुजुर्ग महिला को किया अस्पताल से बिदा

रेवाडी: सुनील चौहान। आत्मविश्वास व दढ निश्चय से कोरोना ह​राया जा सकता है। अगर होसले बुलंद हो तो कोरोना बीमारी कुछ भी नहीं है। इस विश्वास के चलते 96 साल की बुजुर्ग महिला चांदबाई ने करके दिखाया है। बुजुर्ग महिला को अस्पताल कर्मचारियों ने तालियां बजाकर महिला को घर के लिए विदा किया।भंडगी निवासी चांदबाई (95) के बेटे सूबेदार मेजर हरबीर ने बताया कि मां को तबीयत खराब होने पर नाहड़ स्थित सीएचसी सेंटर में 23 अप्रैल को दिखाया था। जहां पर मां का कोरोना टेस्ट हुआ। इसके बाद डॉक्टरों ने दवा देकर घर भेज दिया था। कोरोना टेस्ट कि रिपोर्ट 28 अप्रैल को आई। इससे पहले सांस लेने में दिक्कत महसूस होने पर कोसली अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों की टीम ने देखभाल में कोई कमी नहीं छोड़ी और इसका परिणाम है कि मां स्वस्थ होकर घर जा रही है। उन्होंने स्टाफ का धन्यवाद किया। कोरोना जैसी महामारी को मात देकर खुशी खुशी घर जा रही बुजुर्ग महिला ने कहा कि कोसली अस्पताल में जिस तरह से उपचार दिया गया वो तो अलग बात है। स्टाफ का व्यवहार देख कर बहुत खुश हुई। उसे बेहतर व्यवहार व समय-समय पर दवा मिली। पूरे स्टाफ की सलामती की भगवान से विनती करती हूं कि इस महामारी में कम से कम नई जिंदगी देने वालों को स्वस्थ रखें। उन्होंने स्टाफ को आशीर्वाद दिया। कोसली के एसएमओ डॉ. चितरंजन का कहना है कि उनके यहां 50 बेड कि व्यवस्था है और 15 ऑक्सीजन बेड हैं। अभी भी 20 ऑक्सीजन बेड की और व्यवस्था की जा रही है। स्टाफ मरीजों के हर संभव इलाज में लगा हुआ है। जिसका परिणाम है कि यहां पर आने वाले कोरोना मरीजों में से 98 प्रतिशत ठीक होकर जा रहे हैं। उनका प्रयास है कि यहां से शतप्रतिशत मरीज ठीक होकर जाएं। उन्होंने यह भी बताया कि ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। केवल है तो स्टाफ की कमी है। फिर भी जो है वह सब मिलकर दिन-रात मेहनत से मरीजों को बेहतर से बेहतर इलाज देने की कोशिश कर रहे हैं।
हर संभव इलाज: अस्पताल में कोरोना मरीजों के लिए 50 बेड उपलब्ध है। अस्पताल में मरीजों के हर संभव इलाज दिया जा रहा है। अस्पताल से कोरोना के 98 प्रतिशत मरीज ठीक होकर जा रहे हैं।
डॉ. चितरंजन एसएमओ