रेवाड़ी: सुनील चौहान। तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-जयपुर हाईवे स्थित खेड़ा बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों के आंदोलन का सोमवार को 176वां दिन रहा। धरनास्थल पर धीरे धीरे किसानों की संख्या भी बढती ही जा रही हैं। किसानों ने युवाओं की टीम बनाकर आंदोलन को गति देने के लिए जनसंपर्क अभियान चलाने का निर्णय लिया है। धरना स्थल पर किसान रोटेशन के हिसाब से पहुंचने लगे हैं।
गौरतबल है कि राजस्थान सहित विभिन्न प्रदेशों केेेे किसान हरियाणा व राजस्थान के बॉर्डर पर बिलों के विरोध में धरना दे रहे हैं। किसान नेता अमराराम व राजाराम मील ने कहा कि केंद्र सरकार की हठधर्मिता के कारण आज देश का किसान तेज धूप व भीषण गर्मी में खुले आसमान के नीचे जीवन व्यतीत कर रहा है। लेकिन देश के किसानों के हौसले कमजोर होने की बजाय लगातार मजबूत होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकारें लगातार किसानों को बदनाम करने की साजिश रच रही हैं। लेकिन किसान बेहद शांत व अनुशासित तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। केंद्र सरकार को चाहिए कि बिना समय गवाए किसानों से बातचीत शुरू करने के साथ ही तीनों कृषि कानून वापस ले और एमएसपी पर कानून बनाने की योजना बनाए, जिससे कि किसान भी अपने घर वापस जा सकें। उन्होंने कहा कि लेकिन भाजपा की सरकार जानबूझकर किसानों की मांगी पूरी नहीं कर रही है और लगातार किसान आंदोलन को बदनाम करने की चेष्टा कर रही है।
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