जयपुर: राजस्थान में बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) चिंतित है. इस बीच रविवार दोपहर से सीएम आवास पर कैबिनेट बैठक चल रही है. इस दौरान राज्य सरकार कुछ और कड़े कदम उठा सकती है. संभावना यह जताई जा रही है कि ज्यादा संक्रमण वाले चार-पांच जिलों में 15 दिन का लॉकडाउन (Lockdown) भी लगाया जा सकता है, जिसमें जयपुर, जोधपुर उदयपुर, बीकानेर, कोटा आदि बड़े शहर शामिल हैं।
गौरतलब है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. शनिवार को प्रदेश में कोरोना के 9046 के सामने आए हैं, वहीं 37 लोगों की मौत भी हुई है। सीएम अशोक गहलोत ने इसे लेकर शनिवार को मुख्यमंत्री निवास पर करीब साढे 3 घंटे समीक्षा की थी। बैठक में अधिकारियों और विशेषज्ञों द्वारा कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए गए हैं जिन पर राज्य सरकार रविवार को होने वाली बैठक में निर्णय लेगी।
इन जिलों के लिए फैसला संभव:
राजस्थान में अगर सबसे ज्यादा संक्रमण वाले जिलों की बात करें तो अभी जयपुर, जोधपुर , कोटा, उदयपुर, बीकानेर, अजमेर, अलवर और भीलवाड़ा आदि जिले इसमें शामिल हैं. फिलहाल इनमें से कुछ जिलों के लिए लॉकडाउन का निर्णय किया जा सकता है. बता दें कि शनिवार को हुई समीक्षा बैठक में उच्च अधिकारियों और विशेषज्ञों द्वारा लॉकडाउन का सुझाव दिया गया. विशेषज्ञों ने कहा कि एक-दो दिन का कर्फ्यू ज्यादा कारगर नहीं है और संक्रमण रोकने के लिए 15 दिन का लॉकडाउन किया जाना चाहिए.
कोरोना टैस्ट हुआ सस्ता:
प्रदेश में प्राइवेट लैब्स में अब कोरोना टेस्ट 500 रुपये की जगह 350 रुपये में होगा. वहीं, सीएम अशोक गहलोत ने सभी जिलों में ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए रूट चार्ट बनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर सभी जगहों पर जल्द से जल्द आपूर्ति की जा सके. इसके अलावा कुछ स्थानों पर RTPCR जांचों की रिपोर्ट में हो रही देरी को भी सीएम अशोक गहलोत ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अनियमितता करने वाली लैब्स और कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए हैं.
राष्ट्रीय स्तर पर कार्ययोजना होनी चाहिए: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि कोरोना के कारण देश में नाजुक हालात बन चुके हैं और अविलंब फैसले लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जल्द से जल्द राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर विस्तार से चर्चा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड पर नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कार्ययोजना बनानी चाहिए.