MSP : हरियाणा में मंडियों में सरसों की आवक शुरू हो गई है, लेकिन अभी तक प्रदेश में इसकी सरकारी खरीद (MSP) चालू नहीं हो पाई है। ऐसे में किसानों का सरकार के प्रति गुस्सा बढ़ता जा रहा है। एमएसपी पर लेट खरीद होने से किसानो को काफी नुकसान झेलना पड रहा है।
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जानिए पिछले साल कब शुरू हुई थी खरीद: पिछले साल हरियाणा में 14 मार्च से ही सरसों की सरकारी शरीद शुरू हो गई थी। यानी इस साल 11 दिन देरी से सरसों की खरीद शुरू की संभावना है। सरसों और गेहूं की खरीद शुरू करने की अस्थायी तारीखें क्रमशः 25 मार्च और 1 अप्रैल तय की गई हैं। लेकिन ये संभावना है।
निजी व्यापारी किसानों को सरसों की उपज में नमी का हवाला दे रहे हैं। हरियाणा सरकार 25 मार्च को अस्थायी तौर पर सरसों की खरीद शुरू कर सकती है। क्योंकि निजी खरीदार किसानों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं। वे किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम रेट पर सरसों खरीद रहे हैं।
जानिए क्या है सरसों और गेहूं का MSP
केंद्र सरकार ने सरसों के लिए एमएसपी 5,656 रुपये प्रति क्विंटल और गेहूं के लिए 2,275 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि जल्दी और समय पर बोई गई सरसों की फसल कटाई के लिए तैयार है। लेकिन इस बार लेट खरीद होने से किसानो का निजी व्यापारियो को बेचना पड रहा है।
पहले रामजी ने मारा, अब सरकार मार रही। किसानों ने कहा कि सरसों की कम बाजार कीमत ने उन्हें एक और झटका दिया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में हुई ओलावृष्टि और बारिश के कारण किसानों को पहले ही भारी नुकसान हुआ है। पहले ही भगवान मार दिया है अब सरकार भी मार रही है।
हरियाणा के किसान खुशहाल: CM Haryana
सीएम नायब सेनी ने कहा कि हरियाणा में 14 फसलों की MSP पर खरीद की जा रही है। इतना ही नहीं प्रदेश के 12 लाख किसानों के खातों में पिछले 7 सीजन में विभिन्न फसलों की खरीद की ₹88,000 करोड़ की राशि डाली गई है।
इस बार किसानों को भारी नुकसान
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने सरसों की खरीद के लिए राज्य में 104 मंडियां (खरीद केंद्र) स्थापित करने का निर्णय लिया है। विभाग ने संबंधित अधिकारियों को अपने-अपने जिलों में फसल की खरीद के लिए आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है।
















