Dharuhera: पोलीथीन ने ले ली तीन साल में 2456 गोवंशो की जान ?

पोलीथीन ने ले ली तीन साल में 2456 गोवंशो की जान
पोलीथीन ने ले ली तीन साल में 2456 गोवंशो की जान

गोशाला में हर दिन ओसतन दो गोवशों की हो रही है मोत
सुनील चौहान। Dharuhera : सरकार गोवशों को बचाने के लिए जगह जगह गौशाला स्थापित कर रही है। लेकिन धडल्ले हो रहे पोलिथीन का उपयोग इन गोवशों के लिए आफत बना हुआ है। Nandu Gosala Dharuhera में मरे पशुओ के आंकडे जानकर लोगो की नींद उड गई है। आज तक जितने पशु गौशाला में है उससे ज्यादा पशु पोलीथीन खाने से दम तोड चुके है।

बता दे गोवंशो की देख रेख के लिए यहां के औद्योगिक कस्बे की सात एकड मे 2020 सिंतबर में गोशाला स्थापित की गई थी। करीब 1 साल बाद गोशाल को नंदू गोशाला में बतैार केयर टेकर दे दिया गया। शुरूआत में कोरोना काल में बहुत ज्यादा गोवशोंं ने दम तोडा। धीरे धीर प्रशासन की ओर से यहां पशु चिकित्सको की भागीदारी बढा दी गई।

 

पिछले करीब साढे तीन साल में गोशाला में फिलहाल 1456 गोवंश है। लेकिन इसी गोशाला में अब तक मरने वाले पशुओ की संख्या 2400 का आंकडा पार कर चुकी है। मरने वाले पशुओ का बडा आंकडा भी सोचने को मजबूर कर रहा है।

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मरने वालो गायों का होता है पोस्टमार्टम: बता दे कि गोशाला में जो गाये लाई जाती है उसको टैग किया जाता है। तथा उनका नपा रिकोर्ड के अनुसार एक रिकोर्ड बनाया जाता है। जो गाये मरती है उनका पशु चिकित्सक धारूहेडा की ओर से पोस्टमार्टम किया जाता है तथा टेग के नाम एट्री की जाती है कि कौन से नंबर गाय मर गई है।

गोशाला स्थापित : सिंतबर 2020
केयर टेकर : सिंतबर 2021
कुल जिंदा पशु : 1456
मर चुके पशु : 2456

पोलिथीन बना जान लेवा: प्लास्टिक से पर्यावरण पर पड़ रहे दुष्प्रभाव को देखते हुए राज्य सरकार ने प्रदेश में पॉलीथिन प्रतिबंध लागू किया था। बावजूद इसके प्रदेशभर में धड़ल्ले से पॉलीथीन का प्रयोग हो रहा है। इसका सीधा प्रभाव पशुओं पर पड़ रहा है।

कूड़े के ढेर में प्लास्टिक की मात्रा अधिक : गांव हो या फिर शहर हर जगह कूड़े के ढेर लगे हैं। जिसमे प्लास्टिक व प्रतिबंधित पॉलीथीन अधिक पड़ी रहती है। लोगकर अक्सर सामान को पोलीथिन में बांध कर फैंक देते है। गोवंश कूड़े के पड़े ढेर से जो भी चीज खाती है उसी के साथ पॉलीथिन भी उसके पेट में चली जाती है। यही उसकी मौत का कारण बनती है।
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rohit gosalaअधिकाश गोवशं बाजार से लाते है, वे लंबे समय से पोलिथीन खा रहे है। पोलोथिन खाने से पेट में वे हजम नहीं होती है। हर दिन ओसतन दो पशु मर रहे है।
रोहित यादव, गोशाला प्रघान

 

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प्लास्टिक अधिक खाने से पशुओं का पेट ब्लाक हो जाता है। इसी वजह से उसकी मौत हो जाती है। गोशाला मे मरी गायो को पोस्टमार्टम में उनके पेट से बडी संख्या में पोलिथीन निकली है। प्लास्टिक पशुओं के लिए जानलेवा साबित हो रही हैं।
राजेश महलावत,मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी, धारूहेडा

धारूहेड़ा: गाय के पेट से निकली पोलिथीन, पोलिथीन में मुहं मारती गोंवश