धारूहेडा: सुनील चौहान। गावं महेश्वरी मे 14 जनवरी की रात को हुए मर्डर के मामले में अब नया मोड आ गया हैं। अदालत ने थाना सेक्टर छह पुलिस को महेश्वरी के निवर्तमान सरपंच जोगेंद्र सिंह, सरपंच के भाई शमशेर व सरपंच के पिता व पूर्व सरपंच महेद्र सिंह का पोलीग्राफ टेस्ट करवाने का आदेश किया है। हालांकि इस मामले पुलिस बिल्लु के हत्यारोपी जितेद्र को जेल भेज चुकी है। लेकिन अदालत के आदेश से एक बार फिर मामले नया मोड आ गया है।

गौरतलब है कि 14 जनवरी को महेश्वरी निवासी बिल्लु उर्फ विरेंद्र का हत्या किया हुआ शव गांव के राजकीय स्कूल के पास मिला था। पुलिस ने शुरूआत मे विरेंद्र के मोबाइल पर हुई बात चीत के चलते गांव के आधा दर्जन युवको को हिरासत मे ले लिया था। मृतक विरेद्र सिंह पत्नी कविता ने पुलिस को निवर्तमान सरपंच जोगेंद्र सिंह, सरपंच के भाई शमशेर व सरपंच पिता व पूर्व सरपंच महेद्र सिंह को हत्या के शामिल होना बताया था। इसी के चलते सेक्टर छह थाना पुलिस इनके नाम भी हत्या के आरोप मे केस दर्ज कर दिया गया था। केस दर्ज होने के दो बाद आस पास गावं के सरपंचों की ओर से एसपी से मुलाकात करके दोबारा जांच करवाने की मांग की थी, जांच अधिकारी विजय कुमार ने उसके बाद इस तीनों को हत्या मे शामिल नहीं होना बताते हुए इनके नाम हटा दिए गए थे। वहीं पुलिस ने सीसीटीवी में मिले फुटेज के चलते पुलिस ने इस हत्या के मामले में गावं निवासी जितेंद्र कुमार को 29 जनवरी का काबू कर जेल भेज दिया था। जितेंद्र ने हत्या करना स्वीकार भी किया था।
परिजनों ने जताया रोष: जितेंद्र की गिरफतारी के बाद परिजनों ने रोष जाहिर करते हुए एसपी से मिले तथा जांच अधिकारी को बदलवाते हुए दोबारा से जाचं करवाने की मांग की है। परिजनो की ओर से इस केस के चलते अदालत मे मामले की दोबारा जांच करवाने तथा दोषियो की पोलीग्राफी टेंस्ट करवाने की मांग की थी ताकि हत्या में शामिल आरोपितो को काबू किया जा सके। परिजनो का आरोप है कि जांच अधिकारी एसआई विजय सिंह ने दोषियो से मोटी राशि लेकर अपने नाम हटवा लिए है। जब भी इस बारे मे मिलते जाते है तो वह उन्हें धमकाता है। अब अदालत ने थाना सेक्टर छह पुलिस को तीनों के पोलीग्राफी टैस्ट करवाने की अनुमति दी है।
क्या होता है पोलीग्राफ टैस्ट:
बार बार बयान बदलने पर पुलिस को शक हो जाता हैं ऐसे में झूठ पकड़ने के लिए पॉलीग्राफ टेस्ट- किया जाता है। पॉलीग्राफ टेस्ट को लाई डिटेक्टर टेस्ट भी कहते हैं. इसका प्रयोग झूठ पकड़ने के लिए किया जाता है। पॉलीग्राफ टेस्ट मशीन को झूठ पकड़ने वाली मशीन और लाई डिटेक्टर के नाम से जाना जाता है।
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