हरियाण: सुनील चौहान। जिले मेें साइबर क्राइम बढती ही जा रही है। आये दिन शातिर कभी बैंक अधिकारी बनकर तो कभी सहायता करने का झांसा देकर लोगो को चूना लगा ही देते हैं। एक बार फिर एक उपभोक्ता को क्रेडिट कार्ड बंद कराने के लिए टोल फ्री नंबर पर संपर्क किया था। क्रेडिट कार्ड तो बंद नहीं हुआ, लेकिन उसके खाते से 45 हजार से ज्यादा की नकदी जरूर साफ हो गई। खाते से नकदी साफ होने का मैसेज आते ही उसके पैरों तले जमीन खिसक गई।
उसने तुरंत पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने उसकी शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है। शुरूआती जांच में टोल फ्री नंबर पर बात करने वाला शख्स झारखंड का बताया गया है। राजकीय महाविद्यालय में बतौर क्लर्क कार्यरत रेवाड़ी के गांव तिहाड़ा निवासी देवेन्द्र कौशिक ने बताया कि उन्होंने SBI का क्रेडिट कार्ड लिया हुआ था। लेकिन वह इस क्रेडिट कार्ड को बंद कराना चाहते थे।
गूगल पर डाले हुए है फर्जी टोल फ्री नंबर: यह कोई पहला मामला नहीं है कि टोल फ्री नंबर पर शातिर धोखाधउी कर लेते है। हर दिन दूसरे व तीसरे दिन ऐसे मामले हो रहे है। अपने कार्ड को बदं करवाने कंपनी को कॉल किया तो बताया गया कि वह ऑनलाइन ही अपना क्रेडिट कार्ड बंद करा सकते है। उसके बाद देवेन्द्र ने गूगल के जरिए टोल फ्री नंबर सर्च किए। यहां नंबर तो मिल गए, लेकिन ये नंबर बैंक अधिकारी नहीं, बल्कि शातिर ठग के निकले। शातिर ठग ने देवेन्द्र से बैंक से संबंधित पूरी जानकारी जुटाई और फिर हेल्प करने की बजाए खाते से 45 हजार 700 रुपए निकाल लिए।
ठग ने खाते की जानकारी जुटाने के बाद पहले एनिडेस्क ऐप डाउनलोड कराई। फिर ठग ने उसके क्रेडिट कार्ड के जरिए ही धोखाधड़ी की। खाते से नकदी साफ होने लगी तो उसने तुरंत बैंक में संपर्क किया, जहां पता चला कि मदद करने वाला बैंक अधिकारी नहीं, बल्कि शातिर ठग है। उसके बाद उसने खाते को बंद कराया। देवेन्द्र कौशिक ने रेवाड़ी साइबर थाना पुलिस को शिकायत दर्ज कराई है।