NH48: हरियाणा राजस्थान बोर्डर पर धरना खत्म, बेरिकेट हटे, चालको को मिली राहत

बावल: संयुक्त किसान मोर्चा के बड़े नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार से लिखित में आश्वासन मिलने के बाद अपना आंदोलन खत्म कर दिया है। ऐसे में दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे पर लंबे समय से चल रहे प्रदर्शन के कारण परेशान लाखों लोगों को जल्द राहत मिलने जा रही है। अब धरना समाप्त होने से शनिवार तक मुख्य मार्ग से यातायात शुरू हो गया है।
गौरतलब है कि हरियाणा राजस्थान सीमा (रेवाड़ी के गांव जयसिंहपुर खेड़ा-राजस्थान के शाहजहांपुर) पर धरना दे रहे किसानों ने सामान समेटना शुरू कर दिया है। शुक्रवार को धरनास्थल पर पहुंचे किसान नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि जनरल बिपिन रावत की मौत के कारण राष्ट्रीय शोक की स्थिति है, इसलिए हम कोई खुशी नहीं मना रहे हैं। हम शुक्रवार को ही अपना धरना समाप्त कर रहे हैं, लेकिन इस दौरान किसी तरह का कोई शोर-जश्न नहीं होगा। शोक मनाने का फैसला बृहस्पतिवार को हुई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में ही ले लिया गया था। ​पिछले एक वर्ष से जयपुर की ओर से आने वाले वाहनों को बहरोड से शाहजहांपुर के बीच विभिन्न गांवों की सड़कों से गुजरना पड़ रहा था। रेवाड़ी शहर को आने वाली कई सड़कों पर भी वाहनों का दबाव बढ़ गया था। रेवाड़ी से शाहजहांपुर को जाने वाली सड़क की हालत बेहद दयनीय हो गई थी। प्रदर्शन खत्म होने से अब रेवाड़ी व अलवर जिले के हजारों ग्रामीणों को भी राहत मिलेगी। हाईवे पर आंदोलन स्थल के निकट जो पेट्रोल पंप थे वहां की बिक्री भी लगभग शून्य पर पहुंच चुकी थी। उम्मीद की जा रही है कि कल तक सभी किसान धरना स्थल से वापस अपने गांव पहुंच जाएंगे।

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किसान आंदोलन खत्म : हटे बेरिकेट
362 दिन के बाद आखिरकार दिल्ली-जयपुर हाईवे पर हरियाणा राजस्थान सीमा खेडा बोर्डर से बेरिगेड हटने शुरू हो गए हैं। करीब एक साल से धरने पर बैठे किसानों ने शुक्रवार को अपने टेंट उखाड़ लिए हैं। वहीं किसानों को रोकने के लिए लगाए गए बेरिगेड्स व अन्य अवरोधकों को भी पुलिस ने हटाना शुरू कर दिया है।

गौरतल है कि 2 दिसंबर 2020 से हाईवे पर धरना शुरू हो गया था तथा 13 दिसंबर 2020 को किसानों ने खेड़ा बार्डर के निकट हाईवे को जाम कर दिया था। 13 दिसंबर 2020 को सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर व योगेंद्र यादव के नेतृत्व में राजस्थान की तरफ से किसानों ने हरियाणा की तरफ कूच किया था। शाहजहांपुर बार्डर पर हरियाणा पुलिस ने किसानों को रोक दिया था। यहां पर बेरिगेड्स लगा दिए गए थे। किसान बार्डर पर राजस्थान की सीमा में धरना देकर बैठे हुए थे। धीरे-धीरे सैकड़ों की संख्या में बार्डर पर टेंट लगा दिए गए थे। बीते करीब एक साल से धरने के कारण हाईवे पर ट्रैफिक बंद था। सर्विस लेन से छोटे वाहनों को ही निकाला जा रहा था।
बेरिकेट हटे, यातायात शुरू: दिल्ली-जयपुर हाईवे से हर रोज हजारों की तादाद में भारी वाहन गुजरते हैं। भारी वाहनों को मजबूरी में गांवों में से निकलना पड़ रहा था जिसके चलते आसपास के दर्जनों गांवों के लोगों का भी जीवन नारकीय हो गया था। गांवों की सड़कें भी जर्जर हो गई थी। अब पुलिस ने बेरिगेड्स हटाने शुरू किए हैं तथा किसानों ने भी अपने टेंट हटा लिए हैं। सामान भी जाना शुरू हो गया है।