हरियाणा: प्रदेश में कोरोना का कहर तेजी से बढता जा रहा है। कोरोना से बचाव की तैयारियों को परखने के लिए सोमवार को प्रदेशभर के अस्पतालों में मॉक ड्रिल की गई। इस दौरान प्रदेश के कुछ अस्पतालों में खामियां भी मिलीं।
रेवाडी में तो स्थिति ठीक मिली, लेकिन जीदं में नागरिक अस्पताल में आईसीयू काम नहीं कर रहा था। इसके अलावा ऑक्सीजन प्लांट भी खराब मिला।मोहम्मद इमराज रजा होगे रेवाडी के डीसी
भिवानी में अस्पताल से स्ट्रेचर गायब
भिवानी के नागरिक अस्पताल में आईसीयू व आइसोलेशन वार्ड के बाहर डोनिंग एरिया (चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मियों के पीपीई किट पहनने का स्थान) अव्यवस्थित मिला। आइसोलेशन वार्ड में मरीज को भर्ती करने के लिए चार मंजिल तक बिना स्ट्रेचर के ले जाया गया।
अंबाला में बिज ने संभाला मोर्चा
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज अंबाला में रियलिटी चेक करने के लिए खुद मैदान पर उतरे। अंबाला छावनी अस्पताल के आईपीडी ब्लॉक के बाहर से उन्होंने डायल-112 और एंबुलेंस के टोल फ्री नंबर पर फोन कर रिएलिटी चेक किया, जो दुरुस्त मिली।
रेवाडी मे मिला ठीक ठाक
जिसमें कोविड से संबंधित टेस्टिंग की जा रही है। सोमवार को मॉक ड्रिल के दौरान इस सभी जगह का निरीक्षण पीएमओ जयभगवान जाटान के नेतृत्व में किया गया।
रेवाड़ी जिले में फिलहाल शहर के नागरिक अस्पताल में 1 हजार व 500 MPN के प्लांट लगे हुए है। इनमें दोनों चालू हालत में है। साथ ही 14 वेंटिलेटर है, जिसमें 6 बच्चों के लिए आरक्षित रखे गए है। सभी चालू हालत में है। अलग से फ्लू कॉर्नर पहले से बनाया गया है।
चरखी दादरी में ऑक्सीजन पाइप लाइन का वॉल्व मिला खराब
चरखी दादरी में मॉक ड्रिल के पहले ही दिन सिविल अस्पताल की ऑक्सीजन पाइप लाइन का वॉल्व खराब मिला। एक वॉल्व का पेंच भी ढीला मिला। इस पर नोडल अधिकारी डॉ. गौरव भारद्वाज ने दोनों खामियों को तत्काल दुरुस्त कराया।हरियाणा में बडा प्रशासनिक फेरबदल, रेवाडी के डीसी फिर पहुंचे हिसार
नारनौल में मॉक ड्रिल के नाम पर खानापूर्ति
आईसीयू में प्लास्टिक की किडनी पर वेंटिलेटर लगाकर जांच की गई। मॉक ड्रिल के दौरान सिविल अस्पताल के पर्ची काउंटर, दवा काउंटर और ओपीडी में काफी लोग लाइन में लगे थे। अधिकतर लोगों ने मास्क तक नहीं लगाया था। आईसीयू में भी मॉक ड्रिल के दौरान किसी डॉक्टर व अन्य कर्मचारियों के हाथ पर गलव्स भी नहीं थे।
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नारनौल सिविल अस्पताल में उपायुक्त ने खुद मॉक ड्रिल की स्थिति का जायजा लिया। यहां मॉक ड्रिल के नाम पर स्वास्थ्य विभाग ने खानापूर्ति की। पहले ही सभी उपकरणों की जांच की जा चुकी थी। मौके पर केवल ऑक्सीजन प्लांट चलवाकर देखा गया।