गुरुग्राम / रेवाडी: गुरुग्राम बस स्टैंड से दिल्ली बॉर्डर डुंडाहेड़ा तक के रोड (पुराना गुड़गांव-दिल्ली रोड) का नामकरण रेवाड़ी के जाबांज महावीर चक्र विजेता कोमोडोर बबरूभान के नाम पर किया गया है। यह नामकरण 9 सालों से लम्बित था। बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों के बीच पार्षद रविन्द्र यादव ने इसका विधिवत रूप से नामकरण किया तथा गुरुग्राम-दिल्ली रोड़ पर जगह-जगह साइन बोर्ड भी लगवा दिये गए हैं।
9 साल के बाद मिली सफलता: राष्ट्रीय शहीद कल्याण फाउंडेशन के संयोजक एवं संस्थापक मेजर डॉ. टीसी राव पिछले 9 सालों से इस कार्य के लिए प्रयासरत थे। डॉ. टीसी राव ने बताया कि महावीर चक्र विजेता कोमोडोर बबरुभान यादव का जन्म 14 सितंबर 1928 में मेजर भगवान सिंह के घर भाड़ावास (रेवाड़ी) में हुआ। 1949 में इन्होंने भारतीय नेवी में कमीशन प्राप्त किया।
4 दिसंबर की रात को 1971 भारत-पाक युद्ध के दौरान रूस द्वारा निर्मित ‘मिसाइल बोट’ की कमांड संभालते हुए कराची बंदरगाह के नजदीक पाकिस्तान के तीन युद्ध पोतों को बर्बाद कर डूबो दिया। वीर अहीर को बहादुरी एवं कर्तव्य परायणता के लिए देश के दूसरे सर्वोच्चय पुरस्कार महावीर चक्र से नवाजा गया, जो भारतीय नौसेना के लिए पहला पदक था।
इसलिए 4 दिसंबर को नौसेना दिवस के रुप में मनाते हैं। इस बहादुर सपूत ने 82 साल कि उम्र में 22 जनवरी 2010 को देह त्याग किया। इस अवसर पर कोमोडोर बबरुभान यादव के परिवार से विनिता यादव अपने बेटे तथा अपने पिता कमांडर बीडी यादव जो स्वयं 1971 के भारत-पाक युद्ध में काफी सराहनीय भूमिका निभाई थी, मौजूद रहे। वाइस एडमिरल पारसनाथ यादव, वीरेंद्र यादव, राकेश यादव प्रतिनिधि पार्षद, कमांडर वीपी यादव, कमांडर साकेत सिंह, कमांडर शेर सिंह ने संबोधित किया।