Haryana: Monkey in Rewari: —Monkey…..Monkey…Monkey……रेवाडी (Rewari news) के सेक्टर चार, तीन, हाउसिंंग बोर्ड में बंदरों के (Monkey in Rewari) आतंक की वजह से लोगों की जान पर बन आई है। ऐसा कोई दिन नहीं जा रहा, जिस दिन बंदर किसी को घायल करते हो। ये इतना घातक हमला कर रहे हैं कि हफ्तों के इलाज में लोगों के लाखों रुपए खर्च हो रहे हैं। वहीं पिछले पांच महीनों में ही 100 से ज्यादा लोगों को बंदर काट चुके हैं।
Haryana: Rewari शहर के अधिकांश मोहल्लों में बंदरों के (Monkey News) आतंक ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। स्थिति यह है कि स्थानीय लोगों ने घर के बाहर और छत पर जाना बंद कर दिया है। इसके अलावा बच्चों को घर से बाहर नहीं खेलने दे रहे हैं। इसके अलावा दहशत के मारे वे अपने बच्चों को अकेले बाहर भी नहीं भेज रहे हैं।
गौरतलब है कि रेवाडी (Rewari news) के सेक्टर चार, तीन, हाउसिंंग बोर्ड में बंदरों के आतंक की वजह से लोगों की जान पर बन आई है। ऐसा कोई दिन नहीं जा रहा, जिस दिन बंदर किसी को घायल करते हो। ये इतना घातक हमला कर रहे हैं कि हफ्तों के इलाज में लोगों के लाखों रुपए खर्च हो रहे हैं। वहीं पिछले पांच महीनों में ही 100 से ज्यादा लोगों को बंदर काट चुके हैं।
सेक्टर चार, सेक्टर तीन, हाउसिंग बोर्ड में बंदरों (monkey in Sector 4 Rewari) का सबसे अधिक आतंक हैं। यहां पर तो बंदरों ने लोगों का जीना हराम कर दिया है। बच्चे बाहर निकलने में घबराने लगे हैं। वहीं, बंदर घर के अंदर तक घुसकर हमला बोल रहे हैं।
शहर की अधिकांश कॉलोनी और सेक्टरों में बंदरों के आतंक ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। स्थिति यह है कि स्थानीय लोगों ने अकेले घर के बाहर और छत पर जाना बंद कर दिया है। इसके अलावा बच्चों को घर से बाहर नहीं खेलने दिया जा रहा।
गौरतलब है कि शहर की अधिकतर कॉलोनी में बंदरों के आतंक की वजह से लोगों की जान पर बन आई है। ऐसा कोई दिन नहीं जा रहा, जिस दिन बंदर किसी को घायल न करते हो।
लोगों में बना डर का माहौल
बंदरों के कारण इलाके के लोगों में डर का माहौल व्याप्त है। क्योंकि बंदरों के झुंड ने कई लोगों पर हमला कर दिया और उन्हें चोट भी पहुंचाई है। जिसके कारण उन्हें इंजेक्शन तक लगवाने पड़े हैं। चोटिल होने और काटने की वजह से लोगों में डर बना हुआ है।
इसके बावजूद अधिकारी इस समस्या को इतना (Monkey in Rewari) हल्के में ले रहे हैं कि पांच महीने से बंदर पकड़ने के लिए उनके द्वारा कोई अभियान नहीं चलाया गया है। वहीं शहर के लोगों का कहना है कि बंदरों को पकड़ने के लिए कई दफा प्रशासन के अधिकारियों से मांग कर चुके हैं। लेेकिन अभी तक कोई अभियान नहीं चलाया गया है।
घर की छतों पर भी बंदरों का आतंक
(Monkey) बंदर छत के ऊपर रखे पौधों को नुकसान पहुंचाने के साथ ही लोगों के सामान के साथ भी तोड़ फोड़ कर रहे हैं इतना ही नहीं, छत पर रखी पानी की टंकियों के ढक्कन तोड़ने के बाद पानी में कूदकर टंकी का पानी खराब कर रहे हैं। कुछ वर्षों से इलाके में बंदरों की संख्या बढ़ गई है इससे सबसे ज्यादा बच्चे, बुजुर्गों के साथ दुर्घटना होने का अधिक खतरा बना हुआ है। सम्बंधित विभाग अभी ठेकेदार तलाशने में लगा है।