हरियाणा: हरियाणा में चार साल से हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग के गठन का इंतजार है। इनता ही नही अब मनोहर सरकार ने पहली से आठवीं तक के बच्चो की प्री-मैट्रिक छात्रवृति भी बंद करने जा रही है। ये लाभ सिर्फ नौवीं और दसवीं के विद्यार्थी को ही मिलेगा
इन कक्षा के छात्रों को मिलेगा लाभ
केंद्र सरकार द्वारा जारी आदेशों के मुताबिक शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम-2009 प्रत्येक बच्चे को मुफ्त और अनिवार्य प्रारंभिक शिक्षा (कक्षा पहली से आठवीं) प्रदान करना सरकार के लिए अनिवार्य बनाता है।
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इसके चलते केवल कक्षा नौवीं और दसवीं में पढ़ने वाले छात्रों को ही सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय और जनजातीय मामलों के मंत्रालय की प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत कवर किया जाता है। इसी तरह वर्ष 2022-23 से अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना के तहत भी केवल कक्षा नौवीं और दसवीं के छात्रों को इसका लाभ दिया जाएगा.
कक्षा 1 से कक्षा 8 तक के लाखों SC-ST-OBC-अल्पसंख्यक बच्चों की प्री-मैट्रिक छात्रवृति योजना ख़त्म करना ग़रीब व शिक्षा पर भाजपाई कुठाराघात, देश इसे कभी मंज़ूर नहीं करेगा👇 pic.twitter.com/uJkzDpqrnU
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) November 29, 2022
क्या कहते कांग्रेस महासिचव
वहीं, कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सदस्य रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इस फैसले पर सवाल उठाते हुए इसे गरीब बच्चों का शिक्षा का अधिकार खत्म करना करार दिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदायों के पहली से आठवीं तक का प्री-मैट्रिक वजीफा खत्म कर गलत किया है. इस फैसले को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए.
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हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग के गठन का इंतजार
हरियाणा में चार साल से हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग के गठन का इंतजार है. हरियाणा विधानसभा में कानून पारित होने के बाद 30 नवंबर 2018 को हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग अधिनियम की अधिसूचना जारी कर दी गई थी। तब से अभी तक हरियाणा अनुसूचित जाति आयोग का गठन नहीं हो पाया है।