रेवाड़ी: जीएसटी के नाम पर होटल संचालक सरकार का चूना लगा रहे हैं। ये कहना है
अधिवक्ता सुनील भार्गव का। इसी के चलते अधिवक्ता ने होटलों से जीएसटी बिल वसूली को लेकर मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार को आपत्ति दर्ज करवाते कार्रवाई की मांग की है।
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सुनील भार्गव एडवोकेट ने अपने साथ अन्य कई अधिवक्ताओं का हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन सीएम विंडो के माध्यम से मुख्यमंत्री को भेजकर मांग की है कि होटल संचालक अपने बिल में जीएसटी जोड़कर कंप्यूटराइज बिल ग्राहक को जारी करते हैं। जबकि कंप्यूटराइज बिल को कभी भी मिटाया जा सकता है। इस प्रकार के बिल का कोई भी रिकॉर्ड कंप्यूटर में होटल संचालक स्वयं रखते हैं और इस बिल पर सरकार की तरफ से किसी प्रकार की मोहर नंबर या अन्य जानकारी फीड नहीं होती है।
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इस कारण जीएसटी ग्रहण करने वाले विभाग की ना तो कंप्यूटर पर कोई मोहर लगाई गई है, ना ही कंप्यूटर पर किसी प्रकार का सरकारी हस्तक्षेप रखा गया है। ऐसे में लाजमी है कि होटल संचालक बिल में जीएसटी लेने के बाद वह जीएसटी की राशि संबंधित विभाग को जमा करा रहे हैं या नहीं यह हमेशा अपवाद का विषय बना हुआ है। वहीं होटल संचालक एक तरफ सरकार को जहां जीएसटी वसूल करने के बावजूद जीएसटी राशि जमा नहीं करा रहे हैं वहीं ग्राहकों की जेब पर भी सीधा सीधा डाका डाल रहे हैं।
ज्ञापन में मांग की गई है कि जीएसटी विभाग की ओर से ऐसे कंप्यूटर को सील लगाई जाए, ताकि कंप्यूटर में छेड़छाड़ कर जीएसटी राशि का दुरुपयोग ना किया जा सके।
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अधिवक्ता सुनील भार्गव एडवोकेट के साथ रविंद्र कुमार एडवोकेट, धर्मेंद्र सुहाग, अनिल कुमार एडवोकेट, संतपाल डाबर, एडवोकेट सौरव यादव, एडवोकेट देवेंद्र कुमार, एडवोकेट जगत सिंह एडवोकेट, मनोज यादव ,विवेक यादव, तेज सिंह, रामवीर भारद्वाज एडवोकेट ,भूदेव कुमार वर्मा एडवोकेट सहित 2 दर्जन से अधिक अधिवक्ताओं ने ज्ञापन पर अपने हस्ताक्षर किए हैं।