Haryana News: नूंह में कांग्रेस के नेताओं की एट्री बंद

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Nuh Violence: हरियाणा कांग्रेस के नेता नूंह हिंसा का जायजा लेने जा रहे हैं। लेकिन हरियाणा के नूंह में कांग्रेस नेताओं की एंट्री पर रोक पुलिस ने रोक लगा दी गई नूंह पुलिस ने पलवल रोड पर बैरिकेडिंग कर दी है ताकि कोई बाहरी का प्रवेश नहीं हो।आखिर कब बुझेगी ये हिंसा की आग, गुरूग्राम में दुकान पर पथराव

लगाया बेरिकेट की अपील: एसपी का कहना है कि राजनीतिक दौरा हुआ तो प्रशासन का काम बढ़ जाएगा, कई दिनों बाद स्थिति पूरी तरह सामान्य होने की ओर बढ़ रही है। किसी भी प्रकार के व्यवधान को रोकने के लिए हम उनसे अनुरोध कर रहे हैं कि स्थिति पूरी तरह सामान्य होने के बाद वे अपनी यात्रा करें।”

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नूंह के SP ने कहा– ”जिले में धारा 144 लागू होने के कारण नेताओं की आवाजाही की मनाही है। प्रशासन पीड़ितों की मदद के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है। ऐसे में राजनेतिक पार्टियों यहां पर नहीं आएग ताकि शांति बरकरार रहे।

बता दें कि इससे पहले रविवार को CPI नेताओं को भी नूंह और गुरुग्राम के हिंसा वाले क्षेत्रों में नहीं जाने दिया गया। इसके लिए पुलिस ने धारा 144 और उनकी सिक्योरिटी का हवाला दिया था। वहीं नूंह दौरे पर कांग्रेस नेताओं में पूर्व CM भूपेंद्र हुड्‌डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान भी शामिल रहेंगे। उन्होंने सोमवार को यहां जाने की घोषणा की थी।HSPC ने ली बैठक, नियमों की अवहेलना करने वाले कंपनियां होगी सील

लोगों की ID होगी चैक
पुलिस सूत्रों के मुताबिक 31 जुलाई को नूंह हिंसा में म्यांमार से आए लोग शामिल थे, जो आसाम या बंगाल की अवैध आइडेंटिटी के जरिए नूंह पहुंच गए।

मणिपुर के बाद सरकारी एजेंसियों ने नूंह में 2 हजार माइग्रेंट्स की ID वैरिफिकेशन की सिफारिश की है। ये फैसला नूंह हिंसा में सोमवार को 2 रोहिंग्या की गिरफ्तारी के बाद लिया गया है।

कर्फ्यू में ढील?
नूंह में कर्फ्यू में ढील के दौरान बैंक-ATM को 3 बजे तक खुलने की छूट दे दी गई है। इसके अलावा हरियाणा राज्य परिवहन डिपो ने नूंह की बस सेवा भी बहाल कर दी है।HSPC ने ली बैठक, नियमों की अवहेलना करने वाले कंपनियां होगी सील

बुलडोजर बदं, धरपकड जारी
नूंह में हाईकोट के आदेश पर बुलडोजर पर रोक लगा दी है। लेकिन पुलिस की ओर से धर पकड जारी है। पुलिस ने 100 से अधिक आरोपियो को काबू कर ​चुकी है।

हिंसा जारी : गांवों में विशेष समुदाय के लोगो का जमकर विरोध किया जा रहा है। पंचायतो की ओर से उनके गांवों के घुसने पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है। इतना ही मुनादी भी करवाई जा रही है।