हरियाणा: हरियाणा में सेवा नियमित होने की उम्मीद लगाए बैठे कच्चे कर्मचारियों को हरियाणा सरकार ने बड़ा झटका दे दिया है। हरियाणा सरकार ने ऐन मोके पर इस मामले में यू-टर्न ले लिया है। अब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में मामला विचाराधीन होने की बात कहते हुए फिलहाल इससे इन्कार कर दिया है।Graps 2 की उड रही धज्जियां, रेवाडी, बावल व धारूहेडा में खुलेआम जल रहा कचरा, अधिकारी मोन
हाईकोर्ट ने रद्द की नीति
सरकारी विभागों, बोर्ड और कॉर्पोरेशन में कार्यरत कच्चे कर्मचारी इस मांग को लेकर हाईकोर्ट की शरण ले रहे हैं। मंगलवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को बताया गया कि हरियाणा सरकार ने कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए नीति तैयार की थी। यह नीति हाईकोर्ट ने रद्द कर दी थी और इसके खिलाफ हरियाणा सरकार की अपील फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का इंतजार
यह नीति हाईकोर्ट ने रद्द कर दी थी और इसके खिलाफ हरियाणा सरकार की अपील फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। सुप्रीम कोर्ट से इस याचिका पर फैसला आने तक सरकार की इस दिशा में आगे बढ़ने की कोई योजना नहीं है। हाईकोर्ट ने इस पर कहा कि अब वह याचिकाकर्ताओं की हर याचिका पर अलग से नियुक्ति के समय प्रभाव में रही नीति के अनुरूप सुनवाई करेंगे।