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Haryana: रेवाड़ी में व्यायामशालाओं को बजट का इंतजार, ऐसे में कैसे जीत पाएंगें मैडल

On: May 28, 2024 10:17 AM
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Haryana: आयुष विभाग की ओर से खेलो को बढावा देने के लिए गांवों में बनाई जा रही (Gymnasiums)व्यायाम शालाएं अधर में लटकी हुई है। पूरे देश में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस है। सवाल यह है कि अब क्या अधूरी व्यायाम शालाओ में कैेस योग मनाया जाएगा।

सरकार की ओर से जिले में 2015 में 33 व्यायामशालाएं बनाने की घोषणा की गई थी। 2016 में 6 करोड़ रुपये का बजट पास कर टेंडर जारी करके निर्माण कार्य शुरू भी कर दिया गया।

बता दें कि योग, कुश्ती और कबड्डी जैसे खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 9 साल पहले जिले के 30 पंचायतों में व्यायामशालाएं बनाने का निर्णय लिया गया था। पूर्व सीएम मनोहर लाल ले ये ​बीडा उठाया था।

इतना लंबा समय बीतने के बावजूद व्यायामशालाओ का कार्य आधा-अधूरा ही पड़ा हुआ है। सरकार की ओर से जिले में 2015 में 33 व्यायामशालाएं बनाने की घोषणा की गई थी। 2016 में 6 करोड़ रुपये का बजट पास कर टेंडर जारी करके निर्माण कार्य शुुरू भी कर दिया गया।

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yoga
कागजो में चल रहीGymnasiums घोषणाएं

हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल ने अपने दौरे के दौरान मई 2015 में जिले की तीनों विधानसभाओं में 10-10 व्यायामशालाओं के निर्माण की घोषणा की थी। गांवों में व्यायामशालाओं के निर्माण के लिए पंचायतों की ओर दो-दो एकड़ जमीन उपलब्ध कराई गई थी। कार्य भी शुरू हुआ लेकिन बजट के अभाव में कार्य अधर में लटका हुआ है।

निर्माण पंचायती विभाग को ही कराना था। लेकिन बजट के अभाव और पंचायत की जमीन पर अवैध कब्जे व अन्य विवादों के चलते अभी तक केवल 20 ही व्यायामशालाओं का आधा-अधूरा ही निर्माण हो पाया है। बताया जा रहा कि अभी तक दो गांव ही उच्च स्तर की व्यायामशालाएं बनाई जा सकी हैं।
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सिर्फ कागजों चल रही है Gymnasiums

उम्मीद की गई थी कि व्यायामशालाएं खुलने से स्टेट, नेशनल व इंटरनेशनल स्तर पर हरियाणा के खिलाड़ी पहले के मुकाबले ज्यादा से ज्यादा मेडल ला सकेंगे। लेकिन सारी योजनाएं केवल कागजों में ही चल रहीह

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गांवों में व्यायामशालाएं खोलने का उद्देश्य ग्रामीण युवाओं को योग के अलावा कुश्ती व कबड्डी आदि के माध्यम से फिट रखने का था। इसके अलावा बच्चों में खेल भावना बचपन से ही आ सके, इसे लिए एक माहौल तैयार करना था।

जानिए रेवाडी में क्या है खोली है Gymnasiums

KHOL  : कुंडल, बुड़ौली, धवाना, अहरोद, ऊंचा, भटेड़ा, खोरी और प्राणपुरा।

REWARI  : कापड़ीवास, काकोड़िया, गिंदोखर, माजरा गुरदास, खिजूरी, खरखड़ा और ततारपुर इस्तमुरार।

BAWAL  : झाबुआ, नांगल तेजू, खंडोड़ा, सुलखा, राजगढ़, आनंदपुर, अलावलपुर, बोलनी, मोहम्मदपुर, भूड़ला, ड्योढई, बालावास, हरचंदपुर, टांकड़ी और कसौली।

पंचायतीराज विभाग की ओर से जिले के 33 गांवों में यह व्यायामशालाएं बनानी थी। जिनमें 20 का उद्घाटन पहले किया जा चुका है। जबकि बाकी रही 11 में से अलावलपुर और मीरपुर गांव में जगह उपलब्ध नहीं हो पाई है।
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जानिए क्यों अटका कार्य
शुरूआत में सभी गांवो के जोर शोर से कार्य हुआ था। अधिकतर गांवों में व्यायामशालाओं को निर्माण कार्य शुरू भी हो गया था। लेकिन दूसरी किश्त समय पर नही आई। किस्त अभाव में निर्माण कार्य अटका हुआ है।

जनिए क्या मंजूर हुआ था बजट ?
सरकार की ओर से वर्ष 2016 में 6 करोड़ रुपये की पहली किश्त जारी की गई थी। लेकिन दूसरी किस्त नही आई। किस्तों के अभाव में कार्य ढप हो गया है।

बता दे कि व्यायामशाला के निर्माण के लिए 29 लाख रुपये निर्धारित किए गए थे। ऐसे में पूरे जिले के लिए कुल बजट करीब 9 करोड़ रुपये निर्धारित हुआ था। सरकार की ओर से वर्ष 2016 में 6 करोड़ रुपये की पहली किश्त जारी की गई थी। लेकिन दूसरी किस्त नही आई।

बजट के लिए फाइल मंजूरी के लिए भेजी गई है। मंजूरी मिलने के बाद अधूरी पड़ी व्यायामशालाओं में कार्य करवाया जाएगा।

डॉ. दीपक सिंह, जिला आयुर्वेदिक अधिकारी रेवाड़ी।

Sunil Chauhan

मै पिछले दस साल से पत्रकारिता में कार्यरत हूं। जल्दी से जल्दी देश की की ताजा खबरे को आम जनता तक पहुंचाने के साथ समस्याओं को उजाकर करना है।

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