Grap 4: औद्योगिक कस्बे में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक स्थिति तक पहुंच चुका है। सोमवार कोद दूसरे प्रदूषण के बादलों की घनी चादर छाई रही, जिससे दिन में ही अंधेरा महसूस होने लगा। ग्रेप चार लागू होने के बावजूद प्रदूषण नही हो रहा है।
वाहनों को हेडलाइट जलानी पड़ी
सोमवर को प्रदूषण इतना गहरा हो गया क इमारतों स्मॉग की चादर छा गई। अंधेरे के चलते वाहनों को हेडलाइट जलाकर चलना पड़ा। स्मॉग के चलते लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में कठिनाई होने लगी, जिससे लोग घरों में कैद हो गए।
बिगड सकते है हालात Grap 4
दिल्ली व एनसीआर में प्रदूषण का स्तर 400 पार होने से ग्रेप चार लागू कर दिया गया है। कस्बे में बढ़ते प्रदूषण का प्रभाव खासतौर पर दमा के मरीजों पर पड़ रहा है। बच्चे और युवा भी फेफड़े के संक्रमण और खांसी जैसी बीमारियों से पीड़ित हो रहे हैं। खांसी और जुकाम व अन्य बीमारियो के लक्षण एक बार होने के ओपीडी में भीड हो रही हैं।
ग्रेप के ये होते है चार चरणGrap 4
चरण I: ‘खराब’ (एयर क्वालिटी इंडेक्स 201-300)
चरण II: ‘बहुत खराब’ (एयर क्वालिटी इंडेक्स 301-400)
चरण III: ‘गंभीर’ (एयर क्वालिटी इंडेक्स 401-450)
चरण IV: ‘गंभीर प्लस’ (एयर क्वालिटी इंडेक्स 450 से ऊपर)
धारूहेड़ा में रविवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स का स्तर 321 दर्ज किया गया। वहीं सोमवार का एक बार फिर 400 के पार हो गया है। दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 450 से ज्यादा होने पर सोमवार सुबह से ग्रेप चार लागू कर लिया है।
ट्रकों पर वेन, कंपनियो में उत्पादन प्रभावित
ग्रेप चार लागू होने से ट्रको पर प्रतिबंध लग गया है। ऐसे ही कंपनियो में समय पर मैटिरियल पहुंच रहा है। सबसे अहम बात यह ग्रेप लागू होने के बावजूद प्रदूषण नहीं घट रहा है।Grap 4
जिले में खुले में कचरा जलाया जा रहा है। कचरे से निकलने वाला जहरीला धुआं वायु में घुलकर उसे प्रदूषित कर रहा है। इसके अतिरिक्त ग्रेप-3 में प्रतिबंधित वाहनों का भी धड़ल्ले से उपयोग किया जा रहा है।Grap 4