रेवाड़ी। भ्रूण लिंग जांच गिरोह के आरोपितों को रेवाड़ी अदालत ने 4 साल की सजा और 23 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। दोनो आरोपियों पर सात पहले मामला दर्ज किया गया था।Haryana: विधानसभा में गूंजे धारूहेड़ा व रेवाड़ी के मुद्दे
जानिए क्या है मामला
भ्रूण हत्या रोकने के लिए गठित चिकित्सकों की टीम को 22 जुलाई 2017 को गुप्त सूचना मिली थी कि राजस्थान के हरियाणा की सीमा के साथ लगते हुए गांव में भ्रूण लिंग की जांच की जा रही है।
इस मामले में फर्जी ग्राहक बनाकर 11 हजार देकर टीम ने पीछा किया। इसके तहत कुंड बैरियर के पास जाकर आरोपी गांव बुहाना जिला झुंझुनू राजस्थान निवासी अजीत सिंह ने लेडी सब इंस्पेक्टर के साथ फर्जी ग्राहक को मोटरसाइकिल पर बैठा लिया और राजस्थान के गांव बुहाना लेकर गयाHaryana: वीरेश शांडिल्य को RDX से उड़ाने की धमकी
इस मामले में फर्जी ग्राहक बनकर तत्कालीन डॉक्टर विजय प्रकाश, डॉक्टर भंवर सिंह, हेमंत ग्रोवर, सुमन यादव, लेडी सब इंस्पेक्टर ऊषा रानी, सहायक पुलिस निरीक्षक विद्यासागर, एचसी विजय सिंह व कांस्टेबल जितेंद्र की टीम ने जाल बिछाते हुए कार्रवाई की।
जहां पर दूसरा आरोपी गांव बवानिया जिला महेंद्रगढ़ निवासी सचिन कुमार ने फर्जी ग्राहक महिला को भ्रूण लिंग जांच कर बताया कि पेट में पल रहा लड़का है।
कोट ने सुनाई सजा
आरोपियों को पीएनडीटी एक्ट के तहत व इंडियन मेडिकल काउंसिल के तहत भी दोषी पाया गया है, और धारा 420 आईपीसी के तहत 4 साल की सजा में 23 हजार रुपए जुर्माना दिए जाने के आदेश दिए हैं।