Digital seva: अब रेवाडी में भी बिजली बिल मिलेगा मेल व वाटसअप पर…जानिए कैसे

रेवाडी: नए साल में डिजिटल युग की तरफ सरकारी कार्यालयों को ले जाने के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। इसी कड़ी में दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम भी अपने कार्यालयों को पेपरलैस करने की दिशा में काम शुरू करने जा रहा है। जिसके लिए शहर के दो सब डिवीजनों को चुना गया है। इसमें शहर का प्रथम और द्वितीय सब डिवीजन में साफ्ट बिल कॉपी की बजाय ऑनलाइन मोड माध्यम से बिल देने की शुरूआत की जा रही है। निगम की तरफ से भेजे जाने वाली साॅफ्ट बिल कॉपी पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी।
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आरएपीडीआरपी के तहत ऑनलाइन हो चुके हैं दफ्तर केंद्र सरकार के आरएपीडीआरपी कार्यक्रम के डीएचबीवीएन की तरफ से जिले के सभी डिवीजन और सब डिवीजनों को ऑनलाइन किया जा रहा है। इसके लिए हिसार में सेंट्रल सर्वर बनाया गया है और सभी उपभोक्ताओं को कंप्यूटरीकृत खाता नंबर जारी किया जा चुका है। निगम की इस व्यवस्था से सभी उपभोक्ताओं का नया अकाउंट नंबर केवाईसी अपडेट के साथ होगा जिसमें कागजी झंझट पूरी तरह से समाप्त कर दिए गए हैं।
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इसमें उपभोक्ता का खाता नंबर कंप्यूटर में दर्ज करने के साथ उससे संबंधित पूरी जानकारी सामने आ जाएगी और इसके लिए पुराने लेजर बुक ढूंढने की कोई जरूरत नहीं होगी। निगम ने रेवाड़ी के तीनों डिवीजन के साथ धारूहेड़ा और बावल डिवीजन में भी आरएपीडीआरपी कार्यक्रम के तहत यह रिकाॅर्ड का काम पूर्ण कर लिया है। 95% से अधिक उपभोक्ताओं की केवाईसी अपडेट जिला में निगम की तरफ से 3 लाख से भी अधिक उपभोक्ताओं की केवाईसी अपडेट करके उनके मोबाइल नंबर, आधार नंबर, ई-मेल आईडी सहित अन्य जानकारियां दर्ज की जा चुकी है। यह पूरा डाटा निगम के पास सुरक्षित है जिसके माध्यम से उपभोक्ताओं को ऑनलाइन बिलिंग व्यवस्था से जोड़ा जा रहा है। इसकी शुरूआत निगम की तरफ से नए साल में शहर के सिटी प्रथम और द्वितीय डिवीजन को पेपरलैस करने के साथ की जा रही है।
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इन दोनों डिवीजन के 16 हजार से भी अधिक उपभोक्ताओं को नए साल से ई-मेल, लिंक और व्हाट्सएप के माध्यम से ही बिजली बिल भेजे जाएंगे। साथ ही जो उपभोक्ता इन सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल नहीं करते हैं उनको लिंक के जरिए बिल भेजा जाएगा। यानि कि बिल सॉफ्ट कॉपी किसी भी उपभोक्ता को नहीं भेजी जाएगी। निगम का खर्च घटेगा और उपभोक्ताओं को होगी सहूलियत निगम की तरफ से फिलहाल नारनौल से बिजली बिल प्रिंट कराकर उपभोक्ताओं को दिए जाते हैं। प्रिंट बिलों पर निगम को हर माह काफी अधिक खर्च करना पड़ता है। वहीं ऑनलाइन मोड माध्यम से उपभोक्ताओं को तय समय पर ही बिल मिल जाएगा और उसे वह ऑनलाइन माध्यम से भी जमा करा सकेंगे। शहर के बाद इस व्यवस्था को अन्य डिवीजनों में भी यह व्यवस्था शुरू की जाएगी।