रेवाड़ी: बावल नगर पालिका के निकाय चुनाव 19 जून को होने है. बावल में कमल खिलाने के लिए भाजपा ने कैबिनेट मंत्री डा. बनवारीलाल जी जान से जूटे हुए है। लेकिन जेजेपी की ओर से घोषित प्रत्याशी को निर्दलीय के रूप में दीनदयाल सैनी को मैदान उतारने से कहीं धारूहेडा की तर्ज पर समीकरण बिगड जाए। यह खतरा पूरी तरह से मडरा रहा है।
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दिसंबर 2020 में हुए रेवाड़ी नगर परिषद और धारूहेड़ा नगर पालिका के चुनावों से तुलना की जाए, तो बावल में नजारा पूरी तरह बदला हुआ नजर आ रहा है। रेवाड़ी नप चुनाव में चेयरमैन प्रत्याशी को लेकर ही भाजपा में जमकर घमासान हुआ था। टिकट की रस्साकसी में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह भाजपा में विरोधी खेमे को मात देने में कामयाब हो गए थे।
अब बावल में कमल खिलाने का दारोमदार डा. बनवारीलाल के कंधों पर है। यह चुनाव सीधे तौर पर डा. बनवारीलाल की प्रतिष्ठा से जुड़ चुका है, जिसमें भाजपा के दूसरे नेताओं ने भी तक कोई खास दिलचस्पी नहीं दिखाई है। जेजेपी प्रत्यक्ष रूप से यह चुनाव नहीं लड़ रही, परंतु गठबंधन के समझौते से पहले घोषित प्रत्याशी दीनदयाल सैनी को जिताने के लिए उसने पूरी ताकत झोंकने की तैयारी की हुई है।
पूनम यादव को टिकट दिलाने के बाद उनके विरोधी खेमे ने बगावत का रास्ता अपना लिया था, परंतु राव पूनम यादव को चेयरमैनी दिलाने की रणनीति में कामयाब हो गए थे। इस बार भाजपा में टिकट वितरण को लेकर प्रत्यक्ष रूप से कोई रस्साकसी नहीं हुई। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने स्थानीय विधायक डा. बनवारीलाल की पसंद को ही तरजीह देते हुए टिकट की घोषणा कर दी थी। अब भाजपा प्रत्याशी की जीत डा. बनवारीलाल की प्रतिष्ठा से जुड़ चुकी है।
धारूहेड़ा में जेजेपी ने झोंक दी थी ताकत
धारूहेड़ा नपा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी राव मानसिंह को जिताने के लिए जेजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी थी, परंतु भाजपा की ओर से स्थानीय नेताओं का उसे खुलकर साथ नहीं मिला था। जेजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सरदार निशान सिंह और मंत्री अनूप धानक तक ने धारूहेड़ा में डेरा डाल लिया था। रेवाड़ी में भाजपा ने जीत का परचम लहराया और धारूहेड़ा में जेजेपी मुकाबले में भी नजर नहीं आई।
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खीचतान पड न जाए मंहगी: इस बार गठबंधन टूटने के बाद जेजेपी ने दीनदयाल सैनी को प्रत्याशी बनाने की घोषणा की थी। घोषणा के बाद एक बार फिर से भाजपा और जेजेपी ने निकाय चुनाव मिलकर लड़ने की घोषणा करते हुए नपा के मामले में निर्णय जिला इकाई पर छोड़ा था। बावल में जेजेपी ने अपने कदम वापस खींचने की बजाय घोषित प्रत्याशी को निर्दलीय के रूप में दीनदयाल सैनी को मैदान में बरकरार रखा है। अब देखना यह है कि कहीं धारूहेडा की तरह फिर से खेल न बिगड जाए।