हरियाणा:भू-मालिकों को अधिग्रहित जमीन का मुआवजा नहीं दिए जाने व कोर्ट में पेश नहीं होने पर जिला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डा. सुशील कुमार गर्ग की अदालत ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक और गुरुग्राम प्रशासक के खिलाफ यह कड़ी कार्रवाई के आदेश जारी किए हैं। Haryana: आधुनिक बनेगा स्टेशन, शताब्दी एक्सप्रेस का होगा इस स्टेशन पर ठहराव
बार बार चेतावनी के बाद भी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक और गुरुग्राम प्रशासक जानबूझकर कोर्ट के समक्ष पेश नहीं हो रहे हैं। उनकी लापरवाही के कारण ही किसानों को उनकी जमीन का मुआवजा नहीं मिल पा रहा है।
कोर्ट इससे पूर्व भी मुआवजे के मामले में अधिकारियों की गिरफ्तारी के नोटिस जारी कर चुका है ।ऐसे में एचएसवीपी के मुख्य प्रशासक और प्रशासक के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जा सकता है।
नहीं किया 3500 करोड़ का भुगतान
भू-मालिक एक कोर्ट से दूसरे कोर्ट में चक्कर पर चक्कर लगाने को मजबूर हो रहे हैं। एचएसवीपी ने सेक्टर छह और सात के लिए जो 150 एकड़ जमीन अधिग्रहित की हुई है मुआवजे का सबसे ज्यादा विवाद इन्हीं सेक्टरों की अधिग्रहित जमीन को लेकर है।
2006-07 में इन सेक्टरों के लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया था। एचएसवीपी ने उस समय अधिग्रहित जमीन का मुआवजा तो दे दिया था लेकिन बाद में लोग मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर पहले लोवर कोर्ट और बाद में हाईकोर्ट में चले गए थे। उच्च न्यायालय ने मुआवजे की राशि बढ़ा दी जिसका भुगतान एचएसवीपी की ओर से नहीं किया जा रहा है।Haryana: 200 करोड़ रूपए का गेहूं घोटाला, गठबंधन सरकार ने साधी चुपी : कुमारी सैलजा
करीब 316 ऐसी पीटिशियन जिला न्यायालय में चल रही है जिनमें हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण को 3500 करोड़ रुपये का भुगतान करना है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक ने फरवरी 2022 में उच्च न्यायालय में भू मालिकों के भुगतान को लेकर एक प्रपोज्ड प्लान दिया था।
कोर्ट ने स्पष्ट टिप्पणी की है कि दोनों अधिकारियों को डीएसपी पकड़कर लाएंगे और 28 अप्रैल को कोर्ट में पेश करेंगे। अगर डीएसपी अधिकारियों को पकड़कर नहीं लाए तो उनको खुद कोर्ट में पेश होकर कार्रवाई नहीं कर पाने के कारणों के बारे में बताना होगा।