गुस्साए लोगों ने कोसली रेलवे ट्रेक किया जाम, 9 साल से थर्मल प्लाट से छोड़ा जा रहा कैमिकल युक्त पानी

rail track

कोसली:  दूषित पानी से परेशान ग्रामीणो का गुस्सा आखिरकार फूट ही पडा। गांव लिलोढ़ व आस पास के आधा दर्जन ग्रामीणों ने झाड़ली थर्मल पावर प्लांट की तरफ जाने वाले रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया हैं। बड़ी संख्या में ग्रामीण ट्रैक बैठ गए है। ग्रामीणों को समझाने के लिए कोसली के एसडीएम जयप्रकाश पुलिस बल के साथ मौके पहुंचे। ग्रामीण बर्बाद हुए खेतों का मुआवजा और गंदे पानी के स्थाई समाधान की मांग पर अड़े हैं।

विधानसभा में भी उठ चुका है ये मुद्दा:
ग्रामीणों ने बताया कि उनकी रेवाड़ी और झज्जर डीसी के साथ-साथ प्लांट के अधिकारियों से भी इस समस्या को लेकर कई बार बात हो चुका है। लेकिन 2014 के बाद से आज तक कोई समाधान नहीं हुआ। वे पिछले 9 साल से परेशान र्है। समस्या को लेकर कई लोग जाम लगा चुके है। हर बार केवल आश्वासन देकर टाल दिया जाता है।DSP ने ट्रांसपोर्टर्स ली बैठक, सुरक्षा नियमों के प्रति किया जागरूक

 

बता दे कि झज्जर जिले के गांव झाड़ली में थर्मल प्लांट लगा हुआ है। थर्मल प्लांट तक कोयला ले जाने के लिए ट्रैक बना हुआ है। गुरुवार को बड़ी संख्या में लिलोढ़ और आसपास के ग्रामीण रेलवे ट्रैक पर पहुंच गए और ट्रैक को पूरी तरह जाम कर दिया। ग्रामीणों के न मानने पर एसडीएम जयप्रकाश खुद मौके पर पहुंचे। करीब एक घंटे से लोग ट्रेक पर बैठे हुए है।श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री अनूप धानक रेवाडी में 27 को

 

कोसली के विधायक लक्ष्मण सिंह और झज्जर की विधायक गीता भुक्कल ने भी इस मुद्दे को विधानसभा में उठाया था, लेकिन आश्वासन के सिवाए कुछ नहीं मिला। उन्होंने सरकार से मांग की कि उनकी बर्बाद हुई फसल और जमीन का मुआवजा दे और गंदे पानी की समस्या का समाधान करें।श्रम एवं रोजगार राज्यमंत्री अनूप धानक रेवाडी में 27 को

बता दे कि जब से झाड़ली में प्लांट बना है, तभी से आसपास के गांव के गांवों की करीब 300 एकड़ और लिलोढ़ की 250 एकड़ से ज्यादा जमीन प्लांट से छोडे जाने वाले पानी से खराब हो चुकी है। ग्रामीणों का आरोप है कि प्लांट से केमिकल वाला पानी निकलता है।

 

जिससे जमीन तो बंजर हो ही रही है। साथ ही कई सालों से उनकी फसलें भी बर्बाद होती आ रही है, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा। गांवो में चर्म रोग पनप चुका है।