पेंशन नहीं लेने से सरकार को होगा 100 करोड़ रुपये का फायदा
हरियाणा: हरियाणा के 40 हजार बुजुर्गों ने दरियादली दिखाई है। स्वेच्छा से वृद्धावस्था सम्मान भत्ते का पात्र होते हुए भी रेवाडी सिहत 39875 बुजुर्गों ने पेंशन लेने से इंकार कर दिया। मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि बुजुर्गों के त्याग से बची धनराशि वरिष्ठ नागरिक सेवा आश्रमों पर खर्च की जाएगी।Dharuhera में अजीब फ्रोड: पति पत्नी के खाते से 26 हजार ट्रांसफर, ओटीपी भी आया नहीं
जानिए कितना होगा फायदा: बता दे कि हर साल करीब 100 करोड़ रुपये बचेंगे। इन वरिष्ठजनों के बड़प्पन को सलाम करते हुए बुजुगो की इस पहल को सराहनीय बताया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि वृद्धावस्था पेंशन को परिवार पहचान पत्र के माध्यम से प्रो-एक्टिव मोड में करने के बाद 60 साल की आयु के पात्र लोगों से उनकी पेंशन शुरू करने के लिए सहमति देने बारे संपर्क किया गया तो 40 हजार वरिष्ठ नागरिकों ने यह पेंशन लेने से मना कर दिया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को विशेष चर्चा कार्यक्रम के तहत पेंशन का त्याग करने वाले बुजुर्गों से ऑडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद में कहा कि आप जैसे लोग देश व समाज की सच्ची शक्ति हैं। सेवा के भाव से इस बची हुई राशि को 22 जिलों में बनने वाले वरिष्ठ नागरिक सेवा आश्रम योजना के तहत सेवा आश्रमों में लगाया जाएगा।प्रकाश पर्व : सजे गुरुद्वारे, रेवाडी व भिवाडी में आज निकलेगा नगर कीर्तन
हर माह मिलती है तीन हजार पेंशन: मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में बुजुर्गों को 2,750 रुपये की दर से प्रतिमाह पेंशन दी जाती है जिनकी आयु 60 वर्ष अधिक हो जाती है और वार्षिक आय तीन लाख से कम होती है। पहली जनवरी से पेंशन तीन हजार रुपये दी जाएगी।