Haryana News: शिक्षा विभाग में छात्रवृत्ति और यूनिफॉर्म के 260 करोड़ फंसे, जानिए कौन है जिम्मेदार

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हरियाणा: हरियाणा सरकार शिक्षा का बढावा देने के लिए छात्रवृत्ति और यूनिफॉर्म देने का प्रावधान तो है, लेकिन शिक्षा विभाग के एमआईएस पोर्टल पर डेटा अपडेट न होने से 260 करोड़ रुपए अधर में लटक गए है

जानिए कैसे मिलती है राशि
यह राशि प्रति मास के हिसाब से हर तिमाही यानी साल में चार बार देने का प्रावधान है। बीसीए और बीपीएल के कक्षा एक से पांच तक छात्र व छात्राओं के लिए 75 रुपए छात्राओं के लिए 150 रुपए प्रति माह मिलते हैं। कक्षा 6 से 8 तक 100 रुपए और छात्राओं के लिए 200 रुपए प्रति दिए जाते हैं।

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हरियाणा सरकार की ओर से यूनिफॉर्म ग्रांट के नाम पर 5वीं तक 800 रुपए व कक्षा 6 से लेकर 8 तक 1000 रुपए एकमुश्त देने का प्रावधान है । इतना ही नहीं अनुसूचित जाति के छात्रों को कक्षा 1 से 5 तक 150 रुपए प्रति माह और छात्राओं के लिए 225 रुपए प्रति मास छात्रवृत्ति भत्ता दिया जाता है। कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों के लिए 200 रुपए छात्राओं के लिए 300 रुपए हर महीने दिया जाता है।

 

इतने लाख बच्चो का अटका भत्ता: चूकि पोर्टल पर डाटा अपडेट ही नही हुआ है। डाटा अपडेट नहीं हो पाने के कारण कक्षा एक से आठ तक के 17 लाख बच्चों का छात्रवृत्ति भत्ता रुक व यूनिफॉर्म ग्रांट अटक गई है। जबकि शिक्षा सत्र शुरू हुए नौ महीने से अधिक का समय हो गया है।

 

स्टेशनरी के लिए 1250 रुपए
कक्षा 1 से 8 तक पढ़ने वाले अनुसूचित जाति के छात्र व छात्राओं के लिए साल में एक बार सरकार स्टेशनरी खरीदने के लिए राशि भी देती है। पहली कक्षा के छात्र छात्राओं को 740 रुपए दूसरी में 750 रुपए, तीसरी में 960 रुपए. चौथी में 970 रुपए, पांचवी में 980 रुपए और कक्षा छठी से 8वीं तक 1250 रुपए साल में एक बार एकमुश्त दिए जाने का प्रावधान है।
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क्या है एमआईएस पोर्टल
प्रदेश के स्कूलों में पढ़ने वाले हर छात्र का पूरा रिकॉर्ड जन्मतिथि, कैटेगरी, अभिभावकों का व्यवसाय, पता, शैक्षणिक योग्यता, आय, बैंक खाता आदि के साथ साथ छात्र कहां-कहां पढ़ा है, सहित उसके स्वास्थ्य तक की पूरी जानकारी एक क्लिक पर देखी जा सकती हैI इस पोर्टल के सही डेटा अपडेट करने की पूरी जिम्मेदारी विभाग के IT सैल की है।

जानिए क्यो आई परेशानी
हर तरह की राशि का भुगतान पीएफ़एमएस के तहत किया जाना है जिसके तहत लाभान्वित होने वाले का आधार नंबर से जुड़े बैंक खाते में राशि डाली जाती है I जब ये स्टैप वैरिफाई होगा।

उसके बाद ही अगले स्टैप में बच्चों की तिमाही आधार पर मासिक हाजिरी अपडेट कर सकते हैं। इस बार परिवार पहचान पत्र (PPP) से दाखिल हुए बच्चों के आधार नंबर स्कूल पोर्टल पर अब तक भी अपलोड अपडेट नहीं किए गए हैं I